बिहार की राजनीति में महादलित वोटबैंक का बड़ा चेहरा माने जाने वाले श्याम रजक सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए। तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई। बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री रहे श्याम रजक को हाल में ही मंत्रिपद से हटा दिया था और मंत्रिपद से हटाए जाने के बाद उनकी सुरक्षा में तैनात जवानों को भी हटा दिया गया था।
मंत्रिपद से हटाए जाने के बाद और सुरक्षा हटाने के बाद उन्होंने कहा था कि वो जल्द ही सरकारी बंगला भी छोड़ देंगे। इसके बाद सोमवार को आरजेडी में शामिल होने से पहले उन्होंने विधायकी से भी इस्तीफा दे दिया था और करीब 11 साल बाद उन्होंने एक बार फिर आरजेडी का दामन थाम लिया। पार्टी में शामिल होने के बाद श्याम रजक ने कहा कि आज मैं खुद को हल्का महसूस कर रहा हूं। मैं एक बार फिर से अपने नेता लालू प्रसाद यादव जी के पास पहुंचकर सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई लड़ूंगा और सामाजिक न्याय के साथ कोई समझौता नहीं करूंगा।
पार्टी से हटाए जाने पर श्याम रजक ने कहा कि जब पार्टी के सचिव ही नियम की धज्जियां उड़ा रहे हों तो क्या कहूं। सीएम नीतीश कुमार जी को पत्र लिखा लेकिन कोई बदलाव नहीं हुआ।
गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं के दल-बदल का दौर शुरू हो चुका है। श्याम रजक के साथ इसकी शुरूआत हो चुकी है। श्याम रजक को बिहार की राजनीति का गणित अच्छे से आता है और वो भी रामविलास पासवान की तरह ही हवा का रूख भांपने में सफल रहते हैं। किसी जमाने में लालू प्रसाद यादव के बेहद खास रहे श्याम रजक साल 2009 में जेडीयू में शामिल हो गए थे, लेकिन उप चुनाव में उनको हारना पड़ा। साल 2010 में वो फिर से जेडीयू के कोटे से विधायक बने और मंत्री बने, लेकिन जब रजक 2015 में महागठबंधन से विधायक बने और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे तो उनको नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाए गए।
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