दिल्ली। देश की राजधानी में सियासी पारा लगातार चढ़ा ही रहता है। दिल्ली सीलिंग मामले पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है। दिल्ली सीलिंग मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा संपत्तियों को डी-सील करने के आदेश पर मनोज तिवारी ने कहा कि बीजेपी न्याय संगत रूप से आगे बढ़ने में विश्वास रखती है। दिल्ली के मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा उच्चतम न्यायालय के फैसले से करीब 10,000 प्रॉपर्टी धारकों में से लगभग 6000 रिहायशी प्रॉपर्टी को डी-सीलिंग का लाभ मिलेगा।
दिल्ली बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा बीजेपी शुरुआत से ही निगरानी समिति द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण पूर्वक कार्यों का विरोध करती रही है। उच्चतम न्यायालय के फैसले से करीब 10,000 प्रॉपर्टी धारकों में से लगभग 6000 रिहायशी प्रॉपर्टी को डी-सीलिंग का लाभ मिलेगा।
इसके साथ ही आदेश गुप्ता ने कहा दिल्ली बीजेपी ने उच्चतम न्यायालय के निगरानी समिति द्वारा की गई सीलिंग को अनुचित ठहराए जाने के फैसले का स्वागत किया और डी-सील करने की प्रक्रिया के लिये तीनों नगर निगमों को आवश्यक कार्रवाही करने के लिये शीघ्र ही कहा है। हेल्प डेस्क बना कर डीसील से संबंधित प्रक्रिया पर काम तिनों निगम शुरू करेंगे। निगरानी समिति का अब कोई औचित्य नहीं है।
केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए आदेश गुप्ता ने कहा जब दिल्ली भाजपा लोगों के घरों की सीलिंग की समस्याओं के लिए लड़ रही थी, तब केजरीवाल सरकार नकारात्मक राजनीति कर रही थी। दिल्ली बीजेपी यह मांग करती है कि जमा कराए गए एक लाख रुपए वापस किए जाएं और बिना किसी शुल्क के लोगों को न्याय मिले। दिल्ली के लोगों के हितों में दिल्ली बीजेपी ने विपक्ष में रहकर जो काम किया है, वह आम आदमी पार्टी या कांग्रेस ने सत्ता में रहकर भी क्यों नहीं किया।
इसके अलावा दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने ट्वीट किया कि मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा अपनी ताकत का दुरुपयोग करके दिल्लीवासियों की जो संपत्तियाँ जब्त की गई थी, उस पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है जिसका हम स्वागत करते हैं। इससे लगभग 10 हजार संपत्तियाँ डी-सील की जाएंगी। बीजेपी ने लोकहित के लिए आवाज उठाई, आज वो सफल हुआ है।
आदेश गुप्ता ने इसके अलावा एक ट्वीट करते हुए सीएम केजरीवाल पर बड़ा हमला बोला कि ईमानदारी की कसम खाकर राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल आज काला पैसा सफेद करने की मशीन बने हुए हैं। नाजाने ऐसी कितनी अज्ञात कंपनियां होंगी, जिससे इन्होंने फंड लिया होगा। इन कंपनियों के साथ साथ जांच आम आदमी पार्टी की भी होनी चाहिए।