Jharkhand: BJP सांसद निशिकांत दुबे बोले- “चम्पई सोरेन के बाद अब बसंत सोरेन भी पार्टी छोड़ दें तो आश्चर्य नहीं होगा”

Jharkhand: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की जब से झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी(JMM) से अलग होने और उनके दिल्ली दौरे की खबर सामने आई है, तब से सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। इस पर CM हेमंत सोरेन का बयान भी सामने आया जिसमें उन्होंने BJP पर हमला बोलते हुए कहा कि “BJP परिवारों और पार्टियों में फूट डालती है और विधायकों को तोड़ने का काम करती है।” इस बीच अब BJP सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि “चंपई सोरेन के इस्तीफा देने के बाद अब बसंत सोरेन भी इस्तीफा दे दें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।” इससे पहले पूर्व CM चंपई सोरेन पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं और अपनी पीड़ा भी बयां कर चुके हैं। वहीं अब उनके BJP में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।

Read Also: Sawan Last Somwar: सावन के पावन महीने का आज आखिरी सोमवार, शिव मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

Jharkhand के पूर्व CM चंपई सोरेन की पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर री-ट्वीट करते हुए BJP सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी पोस्ट में लिखा कि “यही बात मैं लगातार बोल रहा था, हेमंत सोरेन जी को अब केवल खुद या कल्पना जी ही झामुमो में दिखाई देता है, सीता सोरेन जी, चम्पाई सोरेन जी के बाद अब बसंत सोरेन जी भी पार्टी छोड़ दें तो आश्चर्य नहीं होगा? इतनी बेइज़्ज़ती अगर वरिष्ठ नेता की होगी तो कार्यकर्ताओं का सोचिए ।केवल बाहरी चाहे अमित, प्रेम या उनके विश्वस्त सलाहकार अधिकारी हों, झारखंडी कौन उनके साथ?”

बता दें, इससे पहले Jharkhand के सियासी घटनाक्रम को लेकर पूर्व CM सोरेन ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा था कि “कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था। बैठक के दौरान मुझ से इस्तीफा मांगा गया। मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था।

पिछले तीन दिनों से हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था। मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिस पार्टी के लिए हम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता। इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने हेतु मजबूर हो गया।

Read Also: Raksha Bandhan 2024: देश में आज मनाया जा रहा रक्षाबंधन पर्व, जानिए क्या है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त ?

मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि – “आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।” इसमें मेरे पास तीन विकल्प थे। पहला, राजनीति से सन्यास लेना, दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करना। उस दिन से लेकर आज तक, तथा आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *