AI : सावधान! AI का इस्तेमाल हो सकता है बेहद खतरनाक, बनाएं दूरी…

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AI : टेक्नोलॉजी जगत में हर दिन कुछ ना कुछ खास अपडेट मिलती रहतीहै। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI वैज्ञानिकों की सबसे खास उपलब्धि मानी जा रही है, जिसे लोगों द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है। हमारे दैनिक जीवन के कई क्रिया कलापों को आसान करने के लिए AI को बहुत उपयोगी साधन माना जा रहा है। मगर AI जितना हमारे लिए फायदेमंद है उतना ही खतरनाक भी है। ये एक सिक्के के दो पहलू हैं, जहां AI से एक तरफ कई फायदे है तो दूसरी तरफ कई नुकसान भी।

आपको बता दें, AI की मदद से बने डीपफेक वीडियो के जरिए लोगों को ठगने का काम किया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी बहुत सी वीडियो आपने भी देखी होंगी जिसे देखकर आपको लगता होगा कि ये ही सच है। असल में वो सब AI का सहारा लेकर तैयार की गई डीपफेक वीडियो होती हैं। जिसकी वजह से आम जनता से लेकर बड़ी-बड़ी हस्तियां भी धोखा खा जाती हैं। AI इतना खतरनाक है कि इसकी मदद से साइबर अपराधी कभी भी आपकी या आपके किसी करीबी की हूबहू आवाज, फोटो, विडियो बनाकर मनचाहे अपराध को अंजाम दे सकते हैं।

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क्या है डीपफेक वीडियो ?

डीपफेक में ना केवल वीडियो के माध्यम से स्कैम होते हैं बल्कि कई बार केवल ऑडियो का प्रयोग करके भी डीपफेक का शिकार किया जा सकता है। जिसमें कई बार फर्जी कॉल का सहारा लेकर या किसी वीडियो पर ऑडियो लगाकर भी लोगों को ठगा और ब्लैकमेल किया जा रहा है। डीपफेक वीडियो को मार्फ वीडियो का ही बदला हुआ रूप बताया जाता है। दरअसल मार्फ वीडियो एक प्रकार की वो वीडियो होती है, जिसमें व्यक्ति के हाव भाव के साथ किसी अन्य की आवाज में उसी जोड़ा जाता है और वह देखने में बिल्कुल असली लगती है।

हाल ही में इसी तकनीक के इस्तेमाल से बना पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और कमला हैरिस का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले दोनों दिग्गज नेताओं के रोमांस का ये फेक वीडियो चर्चाओं में है।

डीपफेक वीडियो को ऐसे पहचान कर, बचाव कर सकते हैं-

ऐसे बहुत सी चीजें होती है डीपफेक वीडियो में जिसे जानकर और पहचानकर आप डीपफेक का शिकार होने से बच सकते हैं, जैसे-
एक्टिविटी पर ध्यान दें- जब भी आपको किसी वीडियो पर कोई शक होतो उस व्यक्ति की एक्टिविटी पर ध्यान दें। जिससे आपको वीडियो का डीपफेक होने का कोई ना कोई संकेत देखने को मिल जाएगा।

हाव-भाव पर नजर रखें- डीप फेक वीडियो में व्यक्ति के चेहरे परया तो कुछ भी एक्सप्रेशन नहीं होंगे, अगर होंगे तो वह फेक नजर आंएगे। डीपफेक का शिकार होने से बचने के लिए हाव-भाव पर ध्यान देना है जरूरी।

आंखो पर ध्यान दें- डीप फेक वीडियो में या तो मनुष्य जल्दी-जल्दी पलक झपकाता है या फिर बिल्कुल ही नहीं झपकता। जबकि एक ओरिजनल वीडियो में कभी ऐसा नहीं होता। मनुष्य ना तो अधिक पलकें झपकाता है और ना ही बिना पलकें झपकाए बात कर सकता है। आंखों पर नजर बनाने से आप आसानी से डीप फेक वीडियो को पहचान सकते हैं।

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आवाज और बोलने के तरीके पर दें ध्यान- वीडियो में दिखने वालेव्यक्ति को अगर आप जानते हैं तो उनकी आवाज और बोलने की शैली पर ध्यान दें। क्योंकि ठग उस आवाज की कॉपी कर सकता है, लेकिन उनकी शैली को कई बार ठीक से अपना नहीं सकता। आप इसके द्वारा भी वीडियो की पहचान कर सकते हैं।
वीडियो को जूम करके चेक करें- जब आपको कोई इस प्रकार की वीडियो मिलती है तो उसे जूम करके चेक जरूर करें। जूम करने पर आपको उस इंसान के बाल, मूंछ और बाल नकली लग सकते हैं।

बोलने वाले इंसान के होंठ पर ध्यान दें- कई बार वीडियो को क्रिएट करते समय ऐसी समस्या हो जाती है कि शब्दों के साथ होंठ सही से मेल  नहीं खाते। आप वीडियो को स्लो स्पीड पर चेक करके उसमें इन कमियों को पहचान सकते हैं और डीपफेक का शिकार होने से बच सकते हैं।

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