Haryana: कुछ ही समय में हरियाणा में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ 10 साल के विरोधी लहर को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रही है। लेकिन जहां वो चुनाव को लेकर उत्साहित है तो वहीं अपने ही पार्टी में चल रहे विवादों के चलते परेशान भी है। टिकट को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता आपस में भिड़ रहे हैं, जिसे लेकर कांग्रेस अपने अहम फैसले पर पहुंचने में असफल नजर आ रही है।
Read Also: करोल बाग में सीलिंग अभियान के दौरान लोगों ने किया पथराव, सब-इंस्पेक्टर घायल
दरअसल, कांग्रेस में इन दिनों हरियाणा असेंबली चुनावों को लेकर उम्मीदवारों पर बहस चल रही है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हरियाणा कांग्रेस स्क्रीनिंग कमिटी बैठक कर रही है। बुधवार 28 अगस्त को दोपहर से ही लगातार कई घंटे टिकटों पर बहस हुई। अब तक हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के पास लगभग 2400 उम्मीदवारों की अर्जियां आ चुकी हैं।
कांग्रेस में गुटबाजी नीचे से ऊपर तक व्याप्त है। वर्तमान सरकार में शामिल होने की संभावना को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने भी सीएम पद की दावेदारी की है। कुमारी शैलजा इसके लिए बाकायदा विधायकी का टिकट चाहती हैं। इस बीच ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस महासचिव और हुड्डा सरकार में मंत्री रहे रणदीप सिंह सुरजेवाला भी असेंबली चुनाव में भाग लेना चाहते हैं।
बड़े नेताओं की असली इच्छा सामने आने के बाद कांग्रेस नेतृत्व को स्पष्ट संकेत देना पड़ा। हरियाणा के प्रभारी दीपक बाबरिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि कोई भी मौजूदा सांसद असेंबली चुनाव नहीं लड़ेगा, बुधवार 28 अगस्त को टिकटों के मंथन के लिए हुई बैठक के बाद ये तय किया गया है। मौजूदा चुनाव में सांसद सिर्फ पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। उनका कहना था कि बुधवार को लगभग 15-16 टिकटों पर चर्चा हुई थी। उम्मीदवारी निर्धारित करने में अभी कुछ समय लगेगा। शनिवार तक सूची कुछ तैयार हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि 7 से 8 सितंबर तक कांग्रेस की लिस्ट आ सकती है। 12 सितंबर हरियाणा में नामांकन के लिए अंतिम तिथि है। पार्टी ने संकेत दिया है कि मौजूदा विधायकों की टिकट की दावेदारी जारी रहेगी। लेकिन जिन विधायकों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है उनका ही टिकट काटा जाएगा।
Read Also: लगातार हो रही हिमाचल में बारिश, 10 जिलों में IMD ने किया येलो अलर्ट जारी
कुमारी शैलजा और सुरजेवाला जैसे प्रतिष्ठित नेताओं द्वारा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त करने से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चिंतित है। इससे मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में संघर्ष की संभावना बढ़ रही है। दूसरी ओर, अगर ये दोनों नेता चुनाव लड़ते हैं तो उनकी खाली हुई सीटें क्रमश: फिर से चुनाव होने पर कांग्रेस को जीतने की मुश्किल बढ़ जाएगी।