GRAP-4 : दिल्ली-एनसीआर के इलाके प्रदूषण के खतरनाक स्तर के चलते गैस चैंबर में बदल गए हैं। लोग जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। इसे देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) की चौथे चरण की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं, जो सोमवार सुबह आठ बजे से प्रभावी हो जाएंगी। इन पाबंदियों के चलते राष्ट्रीय राजधानी में भारी वाहनों के प्रवेश और सार्वजनिक निर्माण कार्यों पर रोक रहेगी। केवल जरूरी सामान और सेवाओं लगे डीजल चालित बीएस-फोर और उससे नीचे के भारी वाहनों, इलेक्ट्रिक और बीएस-छह डीजल के ट्रकों को पाबंदियों से छूट मिलेगी। 10वीं-12वीं को छोड़ सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। घर से काम करने का सुझाव दिया गया है।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि दिल्ली में ग्रैप-फोर के प्रतिबंध लागू हो गए हैं। इसे देखते हुए 11वीं कक्षा तक मंगलवार से ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी। ऑनलाइन कक्षाओं से 10वीं और 12वीं के छात्र इसे बाहर रहेंगे। इन्हें पहले की तरह पढ़ाया जाएगा। ऑनलाइन कक्षाएं अगले आदेश तक जारी रहेगी।
दिल्ली में रविवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 457 रहा, जो गंभीर श्रेणी में है। इसे देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप संचालन के लिए केंद्रीय उप समिति वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने आपात बैठक बुलाई और ग्रेप-फोर लागू करने का फैसला किया। हालात ऐसे रहे कि दिल्ली में शाम चार बजे जो औसत एक्यूआई 441 था, वे मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण शाम सात बजे तक बढ़कर 457 पर पहुंच गया, जो अति गंभीर श्रेणी में आता है।
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सीएक्यूएम ने 10वीं और 12वीं को छोड़कर सभी कक्षाएं ऑनलाइन चलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सरकारी और निजी दफ्तरों में आधी क्षमता से काम करने और 50 फीसदी कर्मियों को वर्क फ्राम होम की व्यवस्था का भी सुझाव दिया गया है। ग्रेप-फोर के चलते एनसीआर में इलेक्ट्रिक, सीएनजी व बीएस-फोर डीजल गाड़ियो को छोड़कर, दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर-जरूरी हल्के वाणिज्यिक गाड़ियों पर भी प्रतिबंध रहेगा। राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवरों, बिजली लाइनों, पाइपलाइनों व सार्वजनिक परियोजनाओं समेत सभी निर्माण गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है।