Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में झंडों की परंपरा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, इसकी जड़ें प्राचीन काल से चली आ रही हैं। ये झंडे तीर्थ पुरोहितों के नाम से जाने जाने वाले अलग-अलग श्रेणी के ब्राह्मण पुजारियों के होते हैं, जो संगम पर धार्मिक अनुष्ठानों कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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बता दें, प्रयागराज (Prayagraj) में सभी ध्वजों में प्रतीक अंकित होते हैं, जो तीर्थयात्रियों को उनके क्षेत्र में नियुक्त पुजारी की पहचान करने में मदद करते हैं। इन खास झंडे को पहचान कर श्रद्धालु आसानी से अपने पुजारियों का पता लगा सकते हैं, जिससे ये तय हो जाता है कि उन्हें गंगा और यमुना के घाटों पर अपनी धार्मिक गतिविधियों के दौरान उचित मार्गदर्शन मिल सके।
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