Uttrakhand News: UCC लागू होने के बाद अब तक लिव इन का एक ही केस रजिस्टर, चार आवेदनों की जांच जारी

Uttrakhand News: उत्तराखंड में यूसीसी ( समान नागरिक संहिता ) लागू होने के पहले 10 दिन में पोर्टल पर ‘लिव-इन’ का केवल एक केस रजिस्टर कराया गया है, जबकि 4 आवेदन प्राप्त और हुए जिनकी जांच जारी है।अधिकारियों ने बुधवार को दावा किया कि अनिवार्य पंजीकरण के लिए ‘लिव-इन’ युगलों से पांच आवेदन मिले हैं। उन्होंने बताया कि उनमें से एक का पंजीकरण किया जा चुका है जबकि चार अन्य के आवेदन का सत्यापन किया जा रहा है।

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27 जनवरी को UCC लागू कर BJP शासित उत्तराखंड स्वतंत्र भारत में ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया था। UCC के जरिए प्रदेश में धर्म और लिंग से परे हर नागरिक के लिए विवाह, तलाक और संपत्ति जैसे विषयों पर समान कानून लागू हो गया है।
इसी के साथ ही इसमें अभी तक 359 विवाह पंजीकरण व वसीयत की पुष्टि के दो पंजीकरण दर्ज हुए हैं। अभी तक विवाह विच्छेद व लिव इन विच्छेद के शून्य मामले चल रहे हैं।

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लिव इन के लिए की गई व्यवस्था के अनुसार लिव इन का पंजीकरण रजिस्ट्रार के समक्ष किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण, नगर पंचायत व नगर पालिका, निगम व कैंट बोर्ड स्तर पर पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रार की व्यवस्था की गई है। पंजीकरण करते हुए युगल को यह बताना होगा कि कब से लिव इन में रह रहे हैं। जो पहले से लिव इन में रह रहे हैं, उन्हें संहिता लागू होने के एक माह के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी। अन्य को लिव इन रिलेशन में आने के एक माह के भीतर इसकी जानकारी देते हुए पंजीकरण कराना होगा। लिव इन पंजीकरण अथवा लिव इन समाप्ति के पंजीकरण के लिए आवेदन पर यदि रजिस्ट्रार 30 दिन तक कार्यवाही नहीं करता तो मामला रजिस्ट्रार जनरल के पास चला जाएगा। Uttrakhand News

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