Digital Dementia: आजकल जिस तरह से लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, और जिस तरह से टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है… उस हिसाब से हम अगर कलयुग को डिजिटल युग कहें तो कुछ ज्यादा फर्क नहीं होगा। आज की लाइफस्टाइल में स्मार्टफोन,टैबलेट और कंप्यूटर जैसे डिजिटल डिवाइज का उपयोग बढ़ गया है। लोग इसमें इतने मग्न हो गए हैं कि शायद उन्हें ये अंदाजा भी नहीं है कि वो कितनी दिमाग से जुड़ी समस्याओं से घिरते जा रहे हैं, जिनमें से एक डिजिटल डिमेंशिया भी हैं..
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जी हां, डिजिटल डिमेंशिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें ज्यादा स्क्रीन टाइम के इस्तेमाल से दिमाग की क्षमता कम होने लगती है। इससे याददाश्त भी कमजोर होती है, सीखने की क्षमता कम होती है और साथ ही मेंटल हेल्थ पर भी नेगेटिव इम्पेक्ट पड़ता है। लेकिन अगर आप इस समस्या से दूरी बनाना चाहते हैं तो आपको अपनी जीवन शैली में कुछ बदलाव करना होगा।
डिजिटल डिमेंशिया से बचने के उपाय-
डिजिटल डिमेंशिया की समस्या से दूर रहने के लिए आप अपने दिन के स्क्रीन टाइम को सीमित करें। इसके लिए आप अपने फोन या कंप्यूटर पर स्क्रीन टाइम ट्रैकिंग ऐप्स का उपयोग कर सकते हैं। स्वस्थ आहार लें क्योंकि स्वस्थ्य आहार लेने से दिमाग की क्षमता बढ़ती है और डिजिटल डिमेंशिया के खतरे को कम किया जा सकता है। साथ ही नियमित व्यायाम करने से दिमाग की क्षमता बढ़ती है और डिजिटल डिमेंशिया के खतरे को कम किया जा सकता है। रात में 7 से 8 घंटे की नींद जरुर लें ऐसा इसलिए क्योंकि पर्याप्त नींद लेने से दिमाग की क्षमता बढ़ती है और डिजिटल डिमेंशिया के खतरे को कम किया जा सकता है।
इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें, ऐसा करने से डिजिटल डिमेंशिया के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके लिए आप मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क कर सकते हैं। इन सब के अलावा आप सामाजिक संपर्क बनाए रखें, क्योंकि सामाजिक संपर्क बनाए रखने से डिजिटल डिमेंशिया होने का खतरा कम होता है। इसके लिए आप दोस्तों और परिवार के साथ समय बिता सकते हैं या सामाजिक समूहों में शामिल हो सकते हैं।