Delhi kidnapping: आठ वर्षीय बच्चे के अपहरण और हत्या का दोषी दर्जी 26 साल बाद दिल्ली में गिरफ्तार

Raj Kishore, 1993 child murder, Delhi kidnapping, parole jumper, Ghaziabad arrest, Crime Branch, life imprisonment, Kanpur Dehat, Kalyanpuri, Tihar Jail, ransom murder, child crime, absconder arrested, tailoring business, COVID-19"

Delhi kidnapping: वर्ष 1993 में आठ साल के एक बच्चे का अपहरण करके उसकी हत्या करने के दोषी एक व्यक्ति को 26 साल से ज्यादा समय तक फरार रहने के बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है। एक अधिकारी ने रविवार को ये जानकारी दी।उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात निवासी राज किशोर (55) उर्फ बड़े लल्ला के रूप में पहचाने गए आरोपी को 1996 में एक व्यापारी के बेटे की नृशंस हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.Delhi kidnapping

Read also- उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने औरैया जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को बांटी राहत सामग्री

पुलिस उपायुक्त (अपराध) संजीव कुमार यादव ने कहा कि बाद में उसे 1999 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने छह हफ्ते की पैरोल दी थी, लेकिन वह कभी जेल नहीं लौटा.अधिकारी ने बताया कि कई साल तक कानून से बचने और 2014 में अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद किशोर को आखिरकार दो अगस्त को गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया गया।पुलिस के अनुसार, यह घटना 28 दिसंबर, 1993 को हुई थी जब किशोर और उसके साथी ने कल्याणपुरी से एक कपड़ा कारखाने के मालिक के बेटे का अपहरण कर लिया था.Delhi kidnapping

इसके बाद, आरोपियों ने बच्चे के पिता से 30,000 रुपये की फिरौती मांगी और लड़के की सकुशल वापसी का वादा किया। पुलिस ने बताया कि पैसे मिलने के बाद आरोपियों ने बच्चे का गला घोंट दिया और उसके शव को कल्याणपुरी इलाके के एक नाले में फेंक दिया।पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने कहा, ‘‘यह मामला कल्याणपुरी थाने में दर्ज किया गया था। जांच और सुनवाई के बाद राज किशोर को 1996 में कड़कड़डूमा सत्र न्यायालय ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई.Delhi kidnapping

Read also- उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने औरैया जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को बांटी राहत सामग्री

किशोर तिहाड़ जेल में बंद था लेकिन 1999 में पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद दोबारा जेल नहीं लौटा। इसके बाद वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना ठिकाना बदलता रहा। वह चार साल पटना में रहा और लगभग 13 साल जयपुर में रहा और फिर तीन साल पंजाब के बरनाला में रहा। पुलिस ने बताया कि इस दौरान वह छोटे-मोटे काम करता रहा और कम ही लोगों से मिलता-जुलता था तथा कभी-कभार वह कानपुर देहात स्थित अपने पैतृक गांव भी जाता था.Delhi kidnapping

डीसीपी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान वह स्थायी रूप से कानपुर लौट आया और एक नयी पहचान के साथ सिलाई करने का काम शुरू किया।
अधिकारी ने कहा कि योजना के तहत पुलिस उसे उसके ठिकाने से बाहर निकालने में कामयाब रही तथा गाजियाबाद में उसे गिरफ्तार कर लिया।उन्होंने बताया कि 1993 में हुए अपराध में किशोर का सहयोगी पहले ही अपनी सजा पूरी कर चुका है.Delhi kidnapping

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *