SIR: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण SIR को लेकर संसद में जोरदार घमासान जारी है। संसद परिसर में आज भी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी की है। वही सदन में कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया विपक्ष ने फिर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए मुद्दा उठाया। लोकसभा में व्यवधान के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्रवाही शुरू करने का आग्रह किया लेकिन हंगामा नहीं थमा और उसके बाद सदन की कार्रवाही स्थगित कर दी गई।SIR:
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केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए लोकसभा में इस पर चर्चा नहीं हो सकती। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि SIR का मामला कोर्ट में है, इसलिए नियमों के तहत इस पर सदन में चर्चा संभव नहीं है।केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने लोकसभा के नियम 186(8) और 352(1) का हवाला देते हुए कहा कि संसद ऐसे किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं कर सकती जो न्यायिक प्रक्रिया में हो।केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि ‘चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है, इस सदन में पहले भी यह तय हो चुका है कि चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों पर संसद में चर्चा नहीं की जा सकती।SIR:
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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ की 1988 की व्यवस्था का हवाला भी दिया और कहा कि ‘मैं नियम नहीं तोड़ सकता, यही भावना आज भी लागू होती है।साथ ही केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह पहले दिन से ही संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहा है।इस बीच लोकसभा में हंगामे के बीच ही‘मर्चेंट शिपिंग विधेयक, सदन में पारित हो गया।SIR:
विपक्ष ने सरकार पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि जनता की आवाज को दबाया जा रहा है।विपक्ष के नेताओ का आरोप है कि चुनाव आयोग एकतरफा रूप से मतदाता सूचियां अपडेट कर रहा है, और इसमें गड़बड़ियों की आशंका हैविपक्ष की मांग है कि SIR जैसे गंभीर मुद्दे पर संविधान और लोकतंत्र की भावना के तहत संसद में चर्चा होनी चाहिए।राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उपसभापति को पत्र लिखकर SIR पर चर्चा की मांग की है।विपक्ष के नेताओ ने संसद के बाहर एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अल्टीमेटम दिया है कि अगर सदन में SIR पर चर्चा नहीं होगी तो विरोध तेज होगा।इसके विरोध में लामबंद विपक्ष ने 11 अगस्त को चुनाव आयोग तक मार्च का ऐलान किया है।बहरहाल विपक्ष का ये मार्च सिर्फ विरोध ही नहीं, बल्कि बिहार चुनाव से पहले एक बड़े चुनावी नैरेटिव की शुरुआतत भी मानी जा रही है।SIR: