America: अमेरिका ने ईरान के रणनीतिक चाबहार पोर्ट पर 2018 में दी गई प्रतिबंधों की छूट को रद्द कर दिया है। चाबहार पोर्ट, ईरान के दक्षिण पूर्व से भारत के लिए एक गेटवे है जो अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंचने का रास्ता देता है। यह पाकिस्तान को बायपास करके भारत को इन क्षेत्रों से जोड़ता है। मई 2024 में भारत ने ईरान के साथ 10 साल का समझौता किया था, जिसके तहत इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) ने शाहिद बेहेश्ती टर्मिनल का संचालन संभाला। अब तक, इस पोर्ट से भारत ने अफगानिस्तान को 2.5 मिलियन टन गेहूं और 2,000 टन दालें भेजी हैं।America
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लेकिन अब, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘मैक्सिमम प्रेशर’ नीति के तहत दी गई छूट को रद्द कर दिया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि, “ईरानी शासन को अलग-थलग करने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब चाबहार पोर्ट के संचालन या इससे जुड़ी गतिविधियों में शामिल कोई भी व्यक्ति या कंपनी अमेरिकी प्रतिबंधों का शिकार हो सकता है।इस फैसले पर भारत की प्रतिक्रिया आई है।भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि विदेश मंत्रालय”इसके प्रभावों का अध्ययन कर रहा है। America
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चाबहार इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) का हिस्सा है, जो भारत को रूस और यूरोप से भी जोड़ता है। प्रतिबंधों से निवेश और व्यापार प्रभावित हो सकता है, लेकिन भारत ईरान के साथ अपनी साझेदारी जारी रख सकता है।आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव- पोर्ट से 8 मिलियन टन से ज्यादा कार्गो हैंडल हो चुका, लेकिन अब फाइनेंसिंग और सर्विसिंग पर रोक से क्षेत्रीय तनाव बढ़ेगा।ईरान- इजरायल संघर्ष के बीच यह और जटिलता बढ़ा सकता है।ऐसे में भारत अब क्या अमेरिका से नई छूट की मांग करेगा या वैकल्पिक रास्ते तलाशेगा? यह देखना दिलचस्प होगा। America