Diwali 2025: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के राज्यों ने शुक्रवार यानी की आज 10 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया कि दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखे जलाने की अनुमति दी जाए। एनसीआर में दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के कई जिले आते हैं।
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एनसीआर राज्यों की ओर से न्यायालय में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ को बताया कि दिवाली पर रात आठ बजे से रात 10 बजे तक हरित पटाखे जलाने की अनुमति दी जानी चाहिए। मेहता ने पीठ से कहा, हमने सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाये जाने का सुझाव दिया है जिस पर अदालत विचार कर सकती है। उन्होंने कहा कि एनसीआर में पटाखे जलाने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी जा सकती है, जिसमें केवल राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) द्वारा अनुमोदित हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री की अनुमति शामिल है। Diwali 2025
मेहता ने कहा कि एनसीआर राज्यों, दिल्ली सरकार और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक (पदार्थ) सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पटाखों की लड़ी का निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल न हो। उन्होंने सुझाव दिया कि पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के माध्यम से ही की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि केवल उन्हीं पटाखों की बिक्री हो, जिनकी अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा, एनसीआर राज्यों की सरकारों, दिल्ली सरकार और पीईएसओ द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि समेत कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट कोई भी ऑनलाइन ऑर्डर स्वीकार नहीं करेगी। मेहता ने सुझाव दिया कि क्रिसमस और नये साल की पूर्व संध्या पर पटाखे जलाने की अनुमति केवल रात 11.55 बजे से रात 12.30 बजे तक ही दी जानी चाहिए। Diwali 2025
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उन्होंने कहा कि गुरुपर्व पर तड़के चार बजे से सुबह पांच बजे तक और रात नौ बजे से रात 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विवाह और बाकी मौकों पर हरित पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी जा सकती है। न्यायालय ने याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। उच्चतम न्यायालय दिल्ली-एनसीआर में ‘हरित’ पटाखों के निर्माण और बिक्री से संबंधित मुद्दों पर सुनवाई कर रहा है। उच्चतम न्यायालय ने 26 सितंबर को प्रमाणित विनिर्माताओं को इस शर्त पर हरित पटाखे बनाने की अनुमति दी थी कि इनकी बिक्री दिल्ली-एनसीआर में बिना मंजूरी के नहीं की जाएगी। इसने केंद्र से दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के विनिर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध पर नये सिरे से विचार करने को भी कहा था।