Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पांच नवंबर को भव्य देव दीपावली मनाई जाएगी। इस मौके पर पूरे शहर खासकर घाटों, तालाबों और पोखरों पर लाखों दीये जलाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य पर्यटन विभाग और वाराणसी महोत्सव समिति ने करीब 10 लाख मिट्टी के दीयों की व्यवस्था की है। राजघाट पर दीये, तेल और बातियों का वितरण शुरू हो चुका है।
उन्होंने कहा कि त्योहार के सुचारू आयोजन के लिए 20 सेक्टर बनाए गए हैं, जिनमें गंगा के प्रमुख घाट शामिल हैं। हर सेक्टर के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है ताकि किसी भी तरह की कमी या गड़बड़ी न हो। Uttar Pradesh
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कार्यक्रम की शुरुआत शंखनाद और डमरू की ध्वनि से होगी, जो भगवान शिव की मौजूदगी और काशी की दिव्यता का प्रतीक मानी जाती है।
मुख्य शो में भगवान शिव-पार्वती के विवाह, भगवान विष्णु के चक्र पुष्करणी कुंड, भगवान बुद्ध की शिक्षाओं, संत कबीर और गोस्वामी तुलसीदास की भक्ति परंपराओं और महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की गौरवशाली यात्रा को आकर्षक दृश्यों के जरिए प्रस्तुत किया जाएगा। Uttar Pradesh
पूरे कार्यक्रम का उद्देश्य काशी की आध्यात्मिकता, परंपरा और संस्कृति को दिखाना है। मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस शुभ मौके पर 25 मिनट का 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग और लेजर शो भी होगा, जो काशी की आस्था और गंगा की महिमा को दर्शाएगा। Uttar Pradesh
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पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार ने कहा कि इसमें आठ मिनट का स्पेशल लेजर शो भी शामिल है, जिसमें दर्शक दिव्यता और आधुनिक तकनीक का संगम महसूस करेंगे। इसके अलावा, श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के सामने रात आठ बजे 10 मिनट तक आतिशबाजी भी की जाएगी, जिससे पूरा शहर रोशनी और भक्ति से जगमगा उठेगा। Uttar Pradesh
