Indian Politics: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने संसद परिसर में भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित की

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Indian Politics: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म;उपराष्ट्रपति एवं राज्य सभा के सभापति सी. पी. राधाकृष्णन; लोक सभा अध्यक्ष  ओम बिरला; संसदीय कार्य मंत्री एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू; राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश; सांसदगण; पूर्व सांसद और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने आज संसद परिसर स्थित प्रेरणा स्थल पर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती—जनजातीय गौरव दिवस—के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। Indian Politics

राष्ट्रपति भवन की ओर से कहा गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को उनकी 150वीं जयंती पर संसद भवन, नई दिल्ली में पुष्पांजलि अर्पित की।  2021 से उनकी जयंती को देशभर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। Indian Politics

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राष्ट्रपति ने X पर एक संदेश में लिखा कि सभी को झारखंड राज्य की स्थापना की रजत जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!  भगवान बिरसा मुंडा की इस धरती के प्रतिभाशाली और कर्मठ लोगों ने राज्य का और पूरे देश का गौरव बढ़ाया है

वही उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णनने X पर एक संदेश में लिखा, “महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, ‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा को आज उनकी जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा 25 साल की अल्प अवधि के लिए जीवित रहे, लेकिन उन्होंने देशभक्ति की ऐसी आग जलाई जो आने वाली पीढ़ियों तक, यहां तक कि अगले 2,500 वर्षों तक भी जलती रहेगी। यह कहना उचित होगा कि आदमी आ सकते हैं, आदमी जा सकते हैं, लेकिन ‘धरती आबा’ और अन्य आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत हमेशा जारी रहेगी।“ Indian Politics

वही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने X पर एक संदेश में लिखा कि, “स्वतंत्रता संग्राम के अद्वितीय सेनानी, आदिवासी अस्मिता और स्वाभिमान के अमर प्रतीक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि और देशवासियों को जनजातीय गौरव दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। सीमित संसाधनों में रहते हुए भी उन्होंने जल, जंगल और जमीन के अधिकारों के लिए जो साहसिक संघर्ष छेड़ा, वह विदेशी शासन के विरुद्ध एक प्रज्वलित क्रांति बनकर उभरा और पूरे देश में स्वतंत्रता की चेतना का विस्तार हुआ। Indian Politics

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शोषितों, वंचितों और आदिवासी समाज की आवाज बने बिरसा मुंडा जी ने अपने संकल्प, त्याग और अद्भुत नेतृत्व से असंख्य युवाओं में राष्ट्रीयता, आत्मगौरव और न्याय की लौ प्रज्वलित की। उनका जीवन राष्ट्र की सामूहिक स्मृति में सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा, हमें कर्तव्यनिष्ठा, सामाजिक न्याय और सांस्कृतिक गरिमा की ओर सतत अग्रसर होने का मार्ग दिखाता रहेगा।”

भगवान बिरसा मुंडा, जिन्होंने उलगुलान (क्रांति) के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया, प्रतिरोध और स्वतंत्रता की प्रतीक बन गए। उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने राष्ट्रीय जागरूकता को जागृत किया, और उनकी विरासत आज भी भारत के जनजातीय समुदायों द्वारा श्रद्धा और गर्व के साथ याद की जाती है। Indian Politics

2021 से, 15 नवम्बर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है, ताकि जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को सम्मानित किया जा सके। जनजातीय समुदायों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्होंने अनेक क्रांतिकारी आंदोलनों के माध्यम से अपना योगदान दिया। यह दिन उनके समृद्ध इतिहास, संस्कृति और धरोहर का उत्सव है, और इसके जरिए देश भर में उनके योगदान को एकजुटता, गर्व और सम्मान प्रदान करने का प्रयास किया जाता है।

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