दिल्ली में सेंट कोलंबस स्कूल के एक 10वीं के छात्र के सुसाइड मामले ने बड़ा रूप ले लिया है। राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन से कूदकर जान देने वाले छात्र ने सुसाइड नोट में टीचरों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इस मामले में अब स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर आज सेंट कोलंबस स्कूल के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में शौर्य के पिता प्रदीप पाटिल भी शामिल हुए।
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आज दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक सेंट कोलंबस स्कूल के बाहर बड़ी संख्या में परिजनों, छात्रों और समर्थकों ने Justice for Shaurya की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। विरोध करने वालों का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ उस छात्र के लिए नहीं बल्कि हर उस बच्चे के लिए है जिसे स्कूलों में मानसिक उत्पीड़न सहना पड़ता है।
16 साल के छात्र ने सुसाइड नोट में स्कूल स्टाफ और टीचरों द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने की बात लिखी थी। परिजनों ने आरोप लगाया कि शिकायतों के बावजूद स्कूल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते बच्चे ने यह चरम कदम उठा लिया। परिजनों ने मांग रखी कि आरोपी शिक्षकों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और पूरे प्रशासन की भूमिका की जांच की जाए। उनका कहना है कि यदि कठोर कार्रवाई नहीं होती, तो यह सिलसिला अन्य छात्रों के साथ भी जारी रहेगा।
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स्कूल प्रशासन ने दबाव बढ़ने के बाद आरोपी टीचरों के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया है, लेकिन परिजन और छात्र इससे संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि केवल सस्पेंशन नहीं, गिरफ्तारी और सजा होनी चाहिए। हालांकि इस मामले अब आधिकारिक जांच भी जारी है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रखेंगे और पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। प्रदर्शन का मुख्य संदेश था — न्याय मिले, ताकि किसी और शौर्य को ऐसी पीड़ा सहकर जान न देनी पड़े।
