Uttarkashi Tunnel Rescue: कैसे टनल में फंसे 41 मजदूर? जानें ऐसा क्या हुआ था 17 दिन पहले,ऐसे जीती जिंदगी की जंग

(अजय पाल)Uttarkashi Tunnel Rescue: सिल्क्यारा टनल से बड़ी खबर सामने आयी। कुछ ही देर में टनल में फंसे हुए मजदूरों को  बाहर निकाला जा  सकता है। सिलक्यारा टनल में मजदूरों को बचाने के लिए सुरंग में की जा रही खुदाई का काम पूरा कर लिया गया है।मजदूरों के परिजनों को भी बुला लिया गया है,टनल के बाहर  मेडिकल टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई हैं. सुरंग से बाहर निकालने के बाद मजदूरों को सीधे अस्पताल ले जाया जाएगा।

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टनल में फंसे हुए मजदूर किसी भी वक्त बाहर आ सकते है।एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंच गई । अंदर स्ट्रचर भी पहुचाए जा चुके है । अब कुछ ही घंटों में रेसकयू आपरेशन पूरा हो सकता है।इस कामयाबी का बड़ा क्रेडिट रैट होल माइनर्श को जाता है रैट होल माइनर्स ने मशीन से  ज्यादा तेजी से खुदाई मैनुअली की कर डाली।

कब और कैसे हुआ हादसा – उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में बनायी जा रही है।सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से ये भयावह हादसा हुआ।12 नवंबर को दिवाली के दिन जब सुबह सुबह मजदूर टनल में काम कर रहे थे तभी सुबह के समय सुरंग का एक हिस्सा ढह गया जिससे टनल ब्लाक हो गयी और मजदूर अंदर फंस गए।जानें रैट होल माइनिंग के बारे में – मजदूर जल्द ही टनल से किसी भी वक्त  बाहर आ सकते है इस असंभव  काम  को संभव कर दिखाया रेट होल माइनर्श ने। आइए जानते है  रैट होल माइनिंग में खुदाई करने  वाले मजदूर कोयला या खनिज निकालने के लिए संकरों बिलों के जरिए अंदर तक जाते है।जैसा कि आप नाम से समझा जा सकता है।यह तकनीक चूहे के बिल खोदने की तरह काम करती है। इसमे माइनिग करने वाले लोग चार फीट खुदाई करके ऐसे गड्ढे  में जाते है जहां एक इंसान के जाने की जगह हो।

सीएम धामी ने किया ट्वीट- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बाबा बौखनाग को धन्यवाद कहा है. वहीं, विदेशी एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने भी बाबा बौखनाग के मंदिर पर माथा टेका है.बाबा बौखनाग के मंदिर के पीछे महादेव की परछाई भी नजर आ रही है और ऐसा माना जा रहा है कि ऑपरेशन को सफल करने के लिए बाबा बौखनाग साक्षात वहां मौजूद हैं. बाबा बौखनाग को लेकर  लोगों में बड़ी  आस्था है ।

दिवाली से सुरंग में फंसे मजदूर- 17 दिन से की जा रही मेहनत अब रंग लाती दिख रही है.इस हादसे के पीछे की सबसे बड़ी वजह बाबा बौखनाग की नाराजगी को माना जा रहा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसा बाबा बौखनाग नाराज हैं, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ.सिल्क्यारा टनल में  फंसे  हुए मजदूरों को निकालने के लिए अलग-अलग तरीकों से काम किया जा रहा है. वर्टिकल ड्रिलिंग,हॉरिजोंटल ड्रिलिंग,रैट होल माइनिंग समेत तमाम तरह के तरीकों  पर काम करके मजदूरों को जल्द जल्द बाहर निकाला जा सके ।

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