Political News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को मजबूत करने वाले चार बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली है। पीएम मोदी की अर्थव्यवस्था में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अहम फैसलों की जानकारी दी है।
केंद्र सरकार ने रेयर अर्थ मैग्नेट स्कीम की 7,280 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना को हरी झंडी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि इस स्कीम में 6,450 करोड़ रुपये की सेल्स-बेस्ड इंसेंटिव होगी, जो अगले पांच सालों में उद्योगों को मिलेगी। लक्ष्य साफ है – सालाना 6,000 टन उत्पादन क्षमता विकसित करना। भारत में पहली बार पूरी रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) प्रोडक्शन चेन बनेगी, जो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, डिफेंस और हाई-टेक एप्लीकेशन्स के लिए क्रांतिकारी साबित होगी। वैष्णव ने कहा, “यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।
रेयर अर्थ खनिज हमारे तटीय इलाकों, गुजरात और राजस्थान में भरपूर हैं।”केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “कैबिनेट ने रेयर अर्थ मैग्नेट निर्माण को बढ़ावा देने वाली स्कीम को मंजूर किया है। इससे हमारी वैश्विक निर्भरता कम होगी और हाई-टेक्नोलॉजी सेक्टर में भारत मजबूत बनेगा।” केंद्रीय कैबिनेट ने एक और बड़े फैसले में पुणे मेट्रो के फेज टू के विस्तार को मंजूरी दे दी है फेज-2 के तहत लाइन-4 (खराड़ी-हड़पसर-स्वार्गेट-खडकवासला) और लाइन-4A (नाल स्टॉप-वर्जे-मानिक बाग) को मंजूरी दी है। इस पर करीब 9,858 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे पुणे शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी और लाखों लोगों को तेज, सस्ती पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिलेगी।
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इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने, रेलवे के दो अहम प्रोजेक्ट्स को भी हरी झंडी दे दी है। इनमें रेल नेटवर्क का विस्तार शामिल है। इसमे केंद्रीय कैबिनेट ने महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के 4 जिलों को कवर करने वाली दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। बदलापूर-कर्जत तीसरी और चौथी रेल लाइन परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिली है। इससे ठाणे-रायगढ़ जिले को सीधा लाभ मिलेगा। वही मुंबई–चेन्नई हाई डेंसिटी नेटवर्क का ट्रैफिक भार कम होगा और पश्चिमी और दक्षिणी भारत के बीच रेल यात्रा और अधिक सुगम होगी। इससे भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क लगभग 224 किलोमीटर बढ़ जाएगा।परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 2,781 करोड़ रुपये है
वहीं केंद्रीय कैबिनेट ने देवभूमि द्वारका (ओखा)-कनालूस दोहरीकरण परियोजना को भी मंजूरी दे दी है, जिससे देवभूमि द्वारका और आसपास के बंदरगाहों तक रेल संपर्क मजबूत होगा और बेहतर माल ढुलाई के माध्यम से औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि ये प्रोजेक्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे। कुल मिलाकर, ये फैसले आत्मनिर्भर भारत और वंदे भारत मिशन को और मजबूत करेंगे।
