सोनीपत: कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान केंद्र सरकार को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने की तैयारी में जुट गए हैं।
इसी क्रम में किसान संगठनों ने मंगलवार को ब्रिटेन के सांसदों को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को किसानों के समर्थन में गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत करने से रोकने की अपील की गई है।
कुंडली बॉर्डर पर धरने पर बैठे अलग-अलग किसान संगठनों के नेताओं ने आज ब्रिटेन के अनेक वरिष्ठ सांसदों को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया कि अपने देश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल न होने का आग्रह करें।
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अगर वह ऐसा करते हैं तो इससे किसानों संघर्ष को बल मिलेगा। वहीं, किसानों ने आज देर शाम सरकार द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब देने के लिए भी अपनी रणनीति का ऐलान किया है।
बुधवार को सभी संगठनों से बात करने के बाद जवाब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। किसानों का सवाल है कि केंद्र सरकार बताए कि किसान कानून रद्द होंगे या नहीं, इसके बाद वह बताएंगे कि बातचीत के लिए जाएंगे या नहीं। जाएंगे तो कब और किसके बुलावे पर जाएंगे।
किसान नेता ओंकार सिंह ने कहा कि जिस तरह सरकार लोगों को कृषि कानूनों को लेकर गुमराह कर रही है। ठीक उसी तर्ज पर अब किसान संगठन गांव-गांव जाकर लोगों को कानून की खामियों से अवगत कराएंगे और समर्थन की अपील करेंगे।
किसानों ने 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह जयंती के मौके पर अन्नदाता दिवस के साथ गुरू गोविंद सिंह के साहिबजादों की शहादत को सड़क पर ही शहीदी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
यह कार्यक्रम 26 और 27 को भी चलेगा। इसमें कथा वाचक और सिख चिंतक बुलाकर यहां शहीदी दिवस मनाया जाएगा। साथ ही जब प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह मोदी अपने मन की बात करेंगे, तो विरोध में किसान थाली बजाएंगे।
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