पश्चिम बंगाल को बड़ी सौगात: हावड़ा–खड़गपुर रेल खंड पर ₹432 करोड़ की मेगा परियोजना को मिली मंजूरी

West Bengal: ​भारतीय रेलवे ने पश्चिम बंगाल में रेल नेटवर्क को और अधिक आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। दक्षिण पूर्व रेलवे के अंतर्गत आने वाले हावड़ा–खड़गपुर खंड पर एक महत्वपूर्ण रेल पुल के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने ₹432 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। यह परियोजना न केवल सुरक्षा बढ़ाएगी, बल्कि भविष्य की परिचालन जरूरतों को भी पूरा करेगी।

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भारतीय रेलवे ने खड़गपुर मंडल में स्थित महत्वपूर्ण रेल पुल संख्या 57 के कायाकल्प की तैयारी पूरी कर ली है। ₹431.76 करोड़ की इस भारी-भरकम लागत वाली परियोजना के तहत पुल का न केवल पुनर्निर्माण होगा, बल्कि एक नए वायाडक्ट का निर्माण भी किया जाएगा।पिछले 60 वर्षों से अधिक समय से सेवा दे रहा यह पुल अब आधुनिक इंजीनियरिंग की मिसाल बनेगा। रेल मंत्रालय के अनुसार, नई संरचना को उन्नत डिज़ाइन और मजबूत सामग्री के साथ तैयार किया जाएगा, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार के क्षरण का खतरा न्यूनतम हो जाएगा।

​ग्राफिक्स प्लेट्स (मुख्य बिंदु):

​कुल लागत: ₹431.76 करोड़

​स्थान: देउल्टी और कोलाघाट स्टेशनों के बीच (खड़गपुर मंडल)

​नया स्टेशन: ‘न्यू कोलाघाट रेलवे स्टेशन’ का होगा विकास

​क्षमताओं में विस्तार: 130 किमी प्रति घंटे की गति और अधिक भार वहन क्षमता

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स्टेशन परिसर, यात्री सुविधाएं, पटरियों का जाल सिर्फ पुल ही नहीं, इस परियोजना का दायरा काफी बड़ा है। देउल्टी और कोलाघाट स्टेशनों के बीच एक नया कोलाघाट रेलवे स्टेशन विकसित किया जाएगा। इसके तहत व्यापक प्लेटफॉर्म निर्माण और उन्नत यात्री सुविधाएं दी जाएंगी, जिससे स्थानीय यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

​सबसे खास बात यह है कि इस परियोजना को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। नया पुल 57 GMT (Gross Million Tonnes) के भार को संभालने में सक्षम होगा। साथ ही, इसमें चौथी रेलवे लाइन के लिए भी प्रावधान रखा गया है, ताकि भविष्य में यातायात बढ़ने पर बुनियादी ढांचे की कमी न खले।

यह प्रोजेक्ट केवल ईंट और पत्थर का निर्माण नहीं है, बल्कि यह इस व्यस्त कॉरिडोर की सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने का एक मिशन है। आधुनिक डिज़ाइन से न केवल ट्रेनों की गति 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ सकेगी, बल्कि परिचालन प्रदर्शन में भी सुधार होगा।​पश्चिम बंगाल के इस महत्वपूर्ण रूट पर सफर करने वाले करोड़ों यात्रियों के लिए यह आने वाले समय में एक सुखद बदलाव लेकर आएगा।

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