भारतीय युवा कांग्रेस ने अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए ‘अरावली सत्याग्रह’ की घोषणा की है। यह एक बड़ा जनआंदोलन है, जिसमें 7 जनवरी 2026 से शुरू होकर 1000 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा गुजरात से राजस्थान, हरियाणा होते हुए दिल्ली तक चलेगी।
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यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अरावली दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है, जो उत्तर भारत की जलवायु, जलस्तर और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। केंद्र सरकार की नई परिभाषा (100 मीटर ऊंचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली मानना) को अवैज्ञानिक बताते हुए इसे रद्द करने, पूरे क्षेत्र को संरक्षण देने और खनन पर पूर्ण रोक की मांग की गई है। यह यात्रा पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की रक्षा का संकल्प है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया गया कि राजस्थान की बीजेपी सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर 50 नई माइनिंग को लाइसेंस दे दिया है। यहाँ तक कि 2010 से बंद पड़ी 250 माइनिंग को भी फिर से खोलने की तैयारी है। उदय भानु चिब ने सीधा सवाल उठाया कि क्या छत्तीसगढ़ और निकोबार की तरह यहाँ के ‘रेयर अर्थ मिनरल्स’ भी ‘परम मित्र’ अडानी को तोहफे में देने की तैयारी है?
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जब उदय भानु चिब से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी इस यात्रा में शामिल होंगे, तो उन्होंने कहा कि फिलहाल यह यूथ कांग्रेस की पहल है, लेकिन भविष्य में बड़े नेताओं का जुड़ना संभव है। यह लड़ाई सिर्फ पहाड़ों की नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के ‘सांसों’ की है।
यूथ कांग्रेस ने आंदोलन में शामिल होने के लिए- : savearavalli.iyc.in और हेल्पलाइन नंबर: 9873036161 भी जारी किया है और अरावली बचाओ, भविष्य बचाओ का नारा दिया है।
