IMD: हिमाचल प्रदेश के मध्य और ऊंचे पहाड़ी इलाकों में 31 दिसंबर से दो जनवरी तक हल्की बारिश या बर्फबारी हो सकती है।मौसम विभाग ने बताया कि एक महीने से ज्यादा समय तक सूखे के बाद, पश्चिमी हिमालय पर पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा। इससे यहां का मौसम बदलने के आसार हैं।IMD
Read Also: दिल्ली-NCR में प्रदूषण के साथ ठंड और कोहरे का दिखा असर, विजिबिलिटी कम होने से सड़कों पर रेंग रहे वाहन
शोभित कटियार, अधिकारी, मौसम विभाग: देखिए हिमाचल प्रदेश में एक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में बारिश और बर्फबारी की एक्टिविटी है वो कल यानि 30 दिसंबर से चालू हो जाएगी। मुख्य रूप से ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों से और इसका असर जो है दो जनवरी तक अन्य स्थानों पर हमें रुक-रुक कर देखने को मिलता रहेगा। जिसमें से मुख्य रूप से जो हमारी बर्फबारी है वो 31 दिसंबर और एक जनवरी को ऊंचे और मध्य पहाड़ी क्षेत्रों में अन्य स्थानों पर हमें देखने को मिलेगी। जबकि वहीं पर जो हमारे निचले मैदानी इलाके हैं वहां पर लगभग सभी स्थानों पर बादल छाए रहेंगे और बहुत हल्के स्तर की बारिश भी हमें 31 (दिसंबर) और 1 जनवरी को देखने को मिलेगी।IMD
Read Also:UAE: एक्शन में सऊदी अरब, हथियारों की खेप को निशाना बनाकर यमन पर की बमबारी
शिमला स्थित मौसम विभाग ने शिमला, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सोलन और सिरमौर समेत कई जिलों के लिए 31 दिसंबर और एक जनवरी के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।अलर्ट में बर्फबारी के कारण दिन के तापमान में भारी गिरावट की चेतावनी दी गई है।IMD
मुख्य रूप से जब ये हमारी बर्फबारी का दौर 31 तारीख से चालू होगा हिमाचल प्रदेश में और जो की लगातार दो जनवरी तक बना रहेगा। जिसके प्रभाव में 31 दिसंबर और एक जनवरी को जो हमारे दिन के तापमान हैं, उसमें बहुत ही अच्छी खासी गिरावट अनेक स्थानों पर देखने को मिलेगी। कॉल्ड डे स्थिति हमें देखने को मिल सकती है खासकर जो हमारा चंबा जिला, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जैसे जिलों में इसलिए बर्फबारी की वजह से और साथ ही साथ टेंपरेचर में गिरावट होगी। जिसको ध्यान में रखते हुए इन सभी जिलों के लिए हमने 31 और एक तारीख के लिए येलो अलर्ट जारी किया हुआ है। इस बीच, मंडी के कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि बारिश और बर्फबारी की कमी से न सिर्फ ठंड बढ़ गई है, बल्कि पूरे इलाके में खेती और बागवानी भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।कई जगहों पर बर्फबारी न होने के बावजूद प्राकृतिक झीलें जमने लगी हैं।IMD
पंकज सूद, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र: मैं पिछले साल की बात करूं तो दिसंबर में लगभग हमारे यहां 25 एमएम के आसपास बारिश जो है नॉर्मली। एवरेज जो है दिसंबर में रहती है। पिछले साल एवरेज ज्यादा हुई थी जो की लगभग 50 परसेंट अधिक थी एवरेज से लेकिन इस बार अभी तक दिसंबर में कोई भी बारिश जो है वो नहीं हुई है और ड्राई जो है वो ठंड है, शुष्क ठंड है।
जिसमें कई तरह की समस्या आ रही हैं कि खेती का तो मैंने बताया कि समस्याएं हमारी कृषि और बागवानी की जो मुख्य फसल है उसमें देखने को मिल रही हैं लेकिन कई जगह ये भी देखा जा रहा है कि बिना बर्फबारी के ही जो कई तरह के हमारे नेचरल झील हैं। उनमें भी जो है वो जमना स्टार्ट हो गई हैं। मौसम विभाग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में दिसंबर महीने में अब तक 99 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई है।IMD
