नई दिल्ली (अनिल सिंह की रिपोर्ट)- छात्रों के लिए एक क्लास नहीं बल्कि पूरी जिंदगी है इसलिए उनको हर मुश्किलों से सामना करना आना चाहिए। कोरोना से लड़ने के लिए दिल्ली के शिक्षा मंत्री छात्रो को यही मूल मंत्र दिया। मनीष सिसोदिया ने 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए स्कूल, इसके अलावा कॉलेजों और डिग्री डिप्लोमा संस्थानों को 5 फरवरी से दिल्ली में फिर से खोले जाने पर खुशी जाहिर की। छात्रों का हौसला अफजाई करने के लिए शिक्षा मंत्री खुद छात्रों के बीच गए। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि 9वीं और 11वीं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए नियम और शर्तें वहीं रहेंगी जो 10वीं और 12वीं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए बताई गई थीं।
कोरोना वैक्सीन आने के बाद से दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। लेकिन महामारी का डर अभी दिलो से गया नहीं है। सभी स्कूलों और कॉलेजों को कोविड 19 दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। कंटेनमेंट ज़ोन में रहने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को स्कूलों में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए दिए गए दिशानिर्देशों में लगातार सैनिटाइजेशन करना, कम समय के लिए कक्षा संचालित करना और स्कूलों में अलग–अलग गेट्स के माध्यम से एंट्री और एग्ज़िट करना शामिल है।
दिल्ली सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर बीती 18 जनवरी से कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए स्कूलों को कोविड19 नियमों का पालन करने के निर्देशों के साथ फिर से खोल दिया है, ताकि छात्र बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर सकें।
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