साइक्लोन जवाद के शनिवार को उत्तरी आंध्र प्रदेश में पहुंचने की संभावना के चलते राज्य सरकार ने तीन जिलों से 54,008 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर सुरक्षित पहुंचा दिया है। ओडिशा में तूफ़ान के चलते 19 जिलों में स्कूल और जन शिक्षा विभाग से संबद्ध सभी सरकारी, सहायता प्राप्त तथा निजी स्कूल बंद रहेंगे। खतरे के चलते आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा समेत पूर्वी राज्यों में राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की 64 टीमों को तैनात किया गया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा के चलते राज्य आपदा राहत बल की टीमों को भी तैनात किया है।
रेस्क्यू टीम ने आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले से 15,755, विजयनगरम से 1,700 और विशाखापत्तनम से 36,553 लोगों को सुरक्षित निकाला है। सरकार ने स्कूलों और सामुदायिक हॉलों में 197 राहत शिविर स्थापित किए हैं। राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की 11 टीमों को तैनात किया गया है और राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की 5 टीमें और तटरक्षक बल की 6 टीमें तैनात की गई हैं।
मौसम विभाग के पास उपलब्ध डाटा के मुताबिक 130 साल के बाद दिसंबर में कई साइक्लोन ओडिशा के तट से टकरा रहा है। दिसंबर में आखिरी बार 130 साल पहले 1891 में साइक्लोन ओडिशा के तट से टकराया था, इसके बाद यह कभी रिकॉर्ड नहीं किया गया।
साइक्लोन जवाद की गंभीरता समझाते हुए अमरावती के मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर, उत्तर-पूर्व की ओर और ओडिशा तट के साथ आगे बढ़ने की संभावना है। हवा की गति लगतार 80 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रहेगी। हवा की गति अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे तक जाने की संभावना जताई जा रही है। तेज हवा की वजह से पेड़ और बिजली के खंभे के उखड़ने की संभावना है।
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