टिकरी(योगेन्द्र सैनी): एक साल से ज्यादा चले किसान आंदोलन का शनिवार को एतिहासिक दिन है, तीनों कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगों पर सहमति बनने के बाद किसान टिकरी बॉर्डर से बड़े काफिले के रूप में घर वापसी कर रहे है और इससे पहले नगर कीर्तन हुआ और सुबह साढ़े 9 बजे बड़े काफिले के साथ फतेह मार्च निकल कर जा रहे हैं और किसानों के सम्मान में प्रदेशभर के टोल प्लाजा पर धरना देकर बैठे किसान फूल बरसाएंगे।
वहीं किसानों के घर वापसी को लेकर हरियाणा पुलिस ने अलर्ट जारी किया है, पंजाब की तरफ जाने वाले हरियाणा के तमाम रास्तों पर पुख्ता प्रबंध किए गए है, बहादुरगढ़ में आम लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए शनिवार शाम तक कुछ स्थानों पर रूट भी डायवर्ट किया गया है।
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बता दें कि सुबह 9 बजे सबसे पहले श्री गुरुग्रंथ साहिब की अरदास हुई और एक बड़े काफिले के रूप में कई किलो मीटर लंबे किसानों के जत्थे पंजाब की तरफ रवाना होंगे साथ ही टिकरी बॉर्डर पर करीब 70% से ज्यादा हिस्से में किसानों ने 2 दिन के अंदर आंदोलन कर रहे किसानों ने अपना सामान समेट लिया है, कुछ किसान अभी भी सामान समेटने में लगे हुए है, शनिवार शाम तक अधिकांश किसान पंजाब की तरफ रवाना हो जाएंगे और कुछ किसान शुक्रवार को भी रवानगी कर चुके है।
नाश्ता टिकरी और शाम का लंगर बठिंडा में
बहादुरगढ़ के टिकरी बॉर्डर से रवाना होने से पहले किसान सुबह का नाश्ता यहीं करेंगे, उसके बाद दोपहर का लंगर रास्तों में पड़े वाले टोल प्लाजा और टोहाना में होगा, इसके बाद शाम का लंगर बठिंडा में चखने के बाद किसान घरों तक पहुंच जाएंगे, इसके बीच में पड़ने वाले कटार सिंह, गुरुद्वारा बंगा साहिब, गुरुद्वारा साहिब, गुरुद्वारा तलवंडी साबो में भी किसानों के लिए व्यवस्था की गई है फिर टिकरी बॉर्डर से किसान दो काफिलों के रूप में रवाना होंगे, एक जींद की तरफ से पटियाला और दूसरा हांसी-हिसार होते हुए बठिंडा की तरफ रवाना होगा।
बनाए जा रहे पकवान
घर लौट रहे किसानों के भव्य स्वागत की तैयारियां की गई है, कुछ जगह ड्रोन से फूल बरसाए जाएंगे, इतना ही नहीं टोल प्लाजा पर किसानों के लिए पकवान भी बनाए जा रहे है, जिसमें खीर, हलवा-पूरी, जलेबी और रोटी सब्जी शामिल है और जश्न मनाने के लिए टोल प्लाजा पर डीजे का भी इंतजाम किया गया है वहीं किसानों के काफिले के आगे लीडरशिप की गाड़ियां होंगी।
पुलिस ने की पुख्ता तैयारी
किसानों के घर वापसी पर हरियाणा पुलिस ने पुख्ता तैयारी की है, खासकर पंजाब की तरफ जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलिस के जवानों की ड्यूटी लगाई गई है, जिससे हाइवे पर किसी तरह की परेशानी नहीं हो, किसान लंबे काफिले के साथ नाचते-गाते हुए पंजाब पहुंचेंगे, टिकरी बॉर्डर से पंजाब की तरफ जाने वाले किसानों का कई जगह ठहराव होगा और उसके बाद वह अपने-अपने जिलों की और रवाना होंगे। किसानों के काफिले के साथ एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी होने पर तुरंत राहत दी जा सके।
इन चार रूट पर जाने से बचे
-टिकरी बॉर्डर से रोहतक, गोहाना, जींद, उचाना, नरवाना और फिर पंजाब में पटियाला
-टिकरी बॉर्डर से रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, रतिया या टोहाना और फिर पंजाब के बठिंडा
-कुंडली बॉर्डर से पानीपत, करनाल, अंबाला, शंभू बॉर्डर होते हुए पंजाब पहुंचेंगे
-कुंडली बॉर्डर से बहालगढ़, सोनीपत, गोहाना, जींद, उचाना, नरवाना और फिर पटियाला
किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां का कहना है कि दिल्ली के मोर्चे किसान आज खाली कर रहे हैं, लेकिन आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है, एमएसपी को लेकर 15 जनवरी को होने वाली मीटिंग में भी किसान जत्थे बंदिया चर्चा करेंगी और इस आंदोलन में किसानों ने बहुत कुछ खोया और बहुत कुछ पाया है, जो किसान शहीद हुए हैं उनकी शहादत कभी नहीं भुलाई जाएगी, पंजाब में जाकर राज्य सरकार के खिलाफ किसानों को अभी लड़ाई लड़नी है और किसान कौम लड़ने वाली कौम है और यह लड़ाई अपने हकों के लिए जारी रखेगी।