Parliament Attack 2001- आज ही के दिन हुआ था संसद पर हमला, PM मोदी समेत कई नेताओं ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

(प्रदीप कुमार )- आज संसद पर हमले की 22वीं बरसी है। आज के ही दिन 2001 में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर में आतंकी हमला किया गया था। पीएम मोदी,उपराष्ट्रपति, लोक सभा अध्यक्ष,गृहमंत्री समेत तमाम नेताओं ने संसद परिसर में शहीदों को श्रद्धांजलि दी है।संसद भवन यानी संविधान सदन में आतंकी हमले की आज 22 वी बरसी है। इस मौके पर संसद परिसर में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई है।शहीदों को पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि दी, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनकड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ,गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी,केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने शहीदों को नमन किया है।

साल 2001 में आज ही के दिन संसद भवन पर हमला किया गया था।हमले की बरसी पर संसद परिवार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीएम मोदी ने शहीदों के परिवार वालों से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा और सांत्वना दी।संसद हमले की बरसी के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “राष्ट्र हमेशा उन बहादुर सुरक्षा कर्मियों का ऋणी रहेगा जिन्होंने 2001 के आतंकवादी हमले में अपनी जान कुर्बान कर दी।”

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उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनकड़ ने शहीदों को याद करते हुए कहा कि 2001 में हमारी संसद पर हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले साहसी सुरक्षाकर्मियों को याद करते हुए, भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए सदैव उनका ऋणी रहेगा।  आतंकवाद दुनिया भर में मानवता के लिए खतरा बना हुआ है, और वैश्विक शांति के लिए इस बाधा को खत्म करने के लिए राष्ट्रों के लिए एकजुट होना जरूरी है।शहीदों को नमन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज, हम 2001 में संसद हमले में शहीद हुए बहादुर सुरक्षाकर्मियों को याद करते हैं और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। खतरे के सामने उनका साहस और बलिदान हमारे देश की स्मृति में हमेशा अंकित रहेगा।

संसद पर आतंकी हमले के शहीदों को नमन करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद भवन परिसर में आतंकी हमले के दौरान लोकतंत्र के इस सर्वोच्च मंदिर की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों और संसदीय कर्मचारियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। निष्ठा, समर्पण और कर्तव्यपरायणता का जो उदाहरण उन्होंने प्रस्तुत किया, वह देशवासियों के लिए वंदनीय है।

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शहीदों को नमन करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2001 में संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले को हमारे सुरक्षाबलों ने अपने अदम्य शौर्य से नाकाम किया था। संसद भवन की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को आज संसद भवन परिसर में कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धासुमन अर्पित किए।देश आपके बलिदान का सदा ऋणी रहेगा।

साल 2001 में संसद पर आतंकी हमले के वक्त संसद में कई सांसद और मंत्री मौजूद थे। हमले के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत करीब 200 सांसद संसद परिसर में मौजूद थे।सुरक्षाकर्मियों ने हमला होते ही उन्हें कमरे में भेजकर सुरक्षित कर दिया थाइस हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, CRPF की एक महिला कांस्टेबल, संसद वॉच एंड वार्ड सेक्शन के दो सुरक्षा सहायक, एक माली और एक वीडियो जर्नलिस्ट भी वीर गति को प्राप्त हुए थे।जांबाज सुरक्षाकर्मियों ने सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया था बाद में इसके पाकिस्तान समर्थित साजिशकर्ता अफजल गुरु को फांसी हुई थी।

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