नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): चुनाव सुधार से संबंधित बिल यानि निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक, 2021 को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है। इस बिल में वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रावधान किया गया है।
विपक्षी दलों ने इस विधेयक को पेश किये जाने का विरोध किया। कांग्रेस ने विधेयक को विचार के लिये संसद की स्थायी समिति को भेजने की मांग की।
विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह पुत्तुस्वामी बनाम भारत सरकार मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ है।कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे यहां डाटा सुरक्षा कानून नहीं है और अतीत में डाटा के दुपयोग किये जाने के मामले भी सामने आए हैं।
कांग्रेस नेता सदन ने कहा कि ऐसे में इस विधेयक को वापस लिया जाना चाहिए और इसे विचारार्थ संसद की स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए। बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि इस प्रकार का विधेयक लाना सरकारी की विधायी क्षमता से परे है। इसके अलावा आधार कानून में भी कहा गया है कि इस प्रकार से आधार को नहीं जोड़ा जा सकता है।
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वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि इस विधेयक में उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन किया गया है और मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। इसलिये हम इसे पेश किये जाने का विरोध करते हैं।
एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवैसी ने कहा कि यह संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों एवं निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है।यह विधेयक गुप्त मतदान के प्रावधान के भी खिलाफ है। इससे पहले हंगामे के बीच लोकसभा में विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक, 2021 पेश किया। इसके माध्यम से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव किया गया।
विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं को निराधार बताते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सदस्यों ने इसका विरोध करने को लेकर जो तर्क दिये हैं, वे उच्चतम न्यायालय के फैसले को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास है। यह शीर्ष अदालत के फैसले के अनुरूप है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चुनाव सुधारों से जुड़े इस विधेयक के मसौदे को अपनी मंजूरी दी थी। इस विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा।
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