अमन पांडेय: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खानपान के साथ साथ फिजिकल एक्टिविटी भी जरुरी है। ऐसी ढेरों रिसर्च बताती हैं कि व्यायाम और सक्रिय जीवनशैली से कार्डियोवस्कुलर डिसीस यानी दिल से जुड़े रोगों का खतरा कम होता है। कई अध्ययनों में यह भी सामने आया है कि शारीरिक रुप से सक्रिय रहने वाले व्यक्ति को दिलके रोग होने का खतरा 30 से 40 प्रतिशत कम होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बहुत ज्यादा कसरत करना आपके दिल को नुकसान पहंचा सकता है। एक नई रिसर्च में यह दावा किया गया है कि बहुत ज्यादा हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करना दिल के लिए हानिकारक है। इसलिए लोगों को किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए मॉडरेट यानी संतुलन बनाकर ही एक्सरसाइज करनी चाहिए।
रिसर्च की बातों को माने तो तेज तेज हैवी वर्कआउट करने से कोरोनरी एथेरोस्कलेरोसिस बीमारी का खतरा बढ़ता है। कोरोनरी एथेरोस्कलेरोसिस की बिमारी में आपके दिल की धमनियों को ऊपर और अंदर प्लाक यानी वसा और बैड कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है। रिसर्च में सामने आए निष्कर्षों के मुताबिक,तेज गति के हाई इंटेंसिटी वर्कआउट महत्वपूर्ण रुप से हाई एथेरोस्कलेरोसिस और कैल्सीफाइड प्लाक बीमारी के खतरे से जुड़े हैं। इससे पता चलता है कि हाई इंटेंसिटी वर्कआउट प्लाक बीमारी के खतरे से जुड़े हैं। इससे पता चलता है कि हाई इंटेसिटी वर्कआउट एथलीटों में भी कोरोनरी एथेरोस्कलेरोसिस का खतरा बढा सकते है।
हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, दुनिया भर में लंबे समय से माना जाता रहा है कि आप जितनी ज्यादा शारीरिक मेहनत करेंगे, आपको दिल की और बाकी कई और बीमारियों का जोखिम उतना ही कम होगा। लेकिन लगातार हो रहीं नई नई रिसर्च से पता चल रहा कि हल्की फिजिकल एक्टिविटी ही सीवीडी के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
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सक्रिय रहें लेकिन शरीर पर बोझ ना डालें
एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए जरुरी है कि संयम और संतुलन बनाया जाए। जब आप कम या हल्के तीव्रता वाले व्यायामों के साथ समय के साथ समान परिणाम प्राप्त कर सकते हैं तो शरीर इसके लिए तैयार नहीं होता है तो ना केवल दिल बल्कि बाकी अंगों पर भी बहुत अधिक बोझ डालने के परिणाम खतरनाक हो सकते है।
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