(पंकज गैरोला): महाशिवरात्रि से पहले बड़ी तादाद में कावड़िए हरिद्वार पहुंच रहे हैं और गंगाजल लेकर अपने गंतव्य को रवाना हो रहे हैं। पिछले कुछ सालों में शारदीय कावड़ में भी डाक कावड़ का चलन बढ़ा है। धर्मनगरी हरिद्वार में दो बार फाल्गुन और सावन के महीने में कावड़ यात्रा चलती है। इस समय पर फाल्गुन की कावड़ यात्रा जोरों पर चल रही है। यहां हजारों की तादाद में पहुंच रहे शिवभक्त गंगाजल लेकर वापस अपने गंतव्य को लौट रहे हैं। श्रद्धालुओं के रेले में महिला, बच्चे, बुजुर्ग सभी वर्गों के लोग शामिल हैं और बोल बम के जयकारों की गूंज है।
सावन के महीने में होने वाली कावड़ यात्रा में लाखों की तादाद में डाक कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में शारदीय कावड़ यात्रा में भी डाक कांवड़ियों के आने का चलन बढ़ा है। डाक कांवड़िए बड़े वाहनों पर डीजे और साउंड सिस्टम लेकर चलते हैं। इस तरह की कावड़ में एक ग्रुप में 20 से 40 लोग एक साथ गंगाजल भरकर चलते हैं। साथ ही डीजे पर बजते गानों पर डांस करते हुए भी शिव भक्त भगवान की भक्ति में मगन रहते हैं।
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कावड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हरिद्वार पहुंचने वाले शिव भक्तों को शुभकामनाएं देते हुए उनकी यात्रा के लिए मंगल कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार पहुंचने वाले किसी भी शिव भक्त को कोई असुविधा ना हो उसके लिए पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं।
धर्मनगरी हरिद्वार के कई धार्मिक रंग है। यहां समय-समय पर कई मेले और धार्मिक यात्राएं होती हैं। इस समय शारदीय कावड़ यात्रा से धर्मनगरी शिव मय हो गई है और हर तरफ भगवान शिव के जयकारे गूंज रहे हैं।