अजय पाल : प्रतिदिन वैष्णो देवी के दर्शन के लाखो भक्त आते है। माता वैष्णो देवी का मंदिर त्रिकुट पहाड पर स्थित है। मंदिर उचाइ स्थित होने के कारण श्रध्दालुओं को लगभग 12 किलोमीटर की चढाइ करनी होती है। माता रानी का मंदिर लगभग 5200 फीट की उचाइ पर स्थित है। मंदिर की चढाइ करने के लिए कोइ भक्त अगर पिट्ठू का सहारा लेता है तो उसे अधिक पैसे खर्च करने होते है। साथ ही 12 किलोमीटर की यात्रा करने में लगभग 12 घंटे तक का समय लग जाता है। उचाइ पर मंदिर स्थित होने के कारण भक्त सदैव रोपवे की मांग करते रहे है।
जल्द कर सकेगे माता के दर्शन
आपको बता दें कि हेलीकॅाप्टर व खच्चर की सेवा लेना काफी महंगा होता है। हालाकि अब श्रध्दालुओं का मांग सरकार ने मान ली है । जल्द ही श्रध्दालु रोपवे के माध्यम से माता के दर्शन कर सकेंगे । यह बताया जा रहा है कि रोपवे को बनाने में लगभग तीन साल का समय लग सकता है । रोपवे के निर्माण के बाद माता के दर्शन में करीब 10 से 20 मिनट का समय लगेगा ।
रोपवे के निर्माण की मिली मंजूरी
माता वैष्णो देवी दर्शन के लिए काफी उचांइ पर चढना होता है । खासकर बुजुर्ग श्रध्दालुओं को ।लेकिन अब श्रध्दालुओं की दिक्कते कम होने वाली है । हाल में सरकार ने रोपवे के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी है।
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रोपवे के निर्माण में गंडोला तार का प्रयोग
यह रोपवे कटरा में स्थित बेस कैप तारा कोट से शुरु होकर साझी छत तक जाएगा । इस रोपवे में गंडोला तार का प्रयोग किया जाएगा । वर्ष -2022 के आकडो के मुताबिक लगभग 90 लाख श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए आए थे।