(प्रदीप कुमार): लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने आज कोटा में प्रदेश के सबसे बड़े एमएसएमई औद्योगिक प्रदर्शनी व मेले का शुभारंभ किया। दशहरा मैदान में आयोजित इस तीन दिवसीय मेले का उद्घाटन करते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि कोटा की पहचान कभी औद्योगिक नगरी की थी। हमें टेक्नोलॉजी, रिसर्च और इनोवेशन के जरिए कोटा के उस औद्योगिक गौरव को लौटाना है।
ओम बिरला की पहल पर केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय द्वारा एसएसआई एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित किए जा रहे इस आयोजन में देश भर के 300 से अधिक एमएसएमई, खादी एवं ग्राम उद्योग, कयर, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यमी भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ओम बिरला ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र देश के अर्थतंत्र की रीढ़ है तथा सबसे अधिक रोजगार उत्पन्न करने वाला सेक्टर है। हम चाहते हैं कि युवाओं में शिक्षा के दौरान ही एंटरप्रेन्योरशिप का भी विकास हो। हम उनके विजन को रिसर्च और इनोवेशन की से सशक्त करें ताकि वे नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बन सकें।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि कोटा शिक्षा की काशी है। यहां इस मेले के आयोजन का उद्देश्य औद्योगिक क्रांति लाते हुए क्षेत्र की आर्थिक उन्नति और प्रगति को सुनिश्चित करना है। आयोजन के माध्यम से कोटा सहित सम्पूर्ण हाडोती में एमएसएमई को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि यहां उत्पादन बढ़े, जीडीपी में योगदान बढ़े, रोजगार बढ़े और आर्थिक समृद्धि आए।
एमएसएमई प्रदर्शनी व मेले का उद्घाटन करने आए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कोटा के लोगों के समक्ष एक चैलेंज रखा। उन्होंने कहा कि कोटा की आबादी 20 लाख है। लेकिन यहां सिर्फ 35 हजार एमएसएमई उद्योग हैं, यहां की प्रति व्यक्ति आय भी महज 1.25 लाख रूपए हैं। जबकि अन्य राज्यों में यहां से कहीं अधिक उद्योग हैं और प्रति व्यक्ति आय भी दो गुना से अधिक है। इस बारे में गंभीरता से सोचते हुए ऐसे कदम उठाएं कि जब मैं अगली बार यहां आऊं तो 60 हजार से अधिक एमएसएमई हों और प्रति व्यक्ति आय भी अन्य राज्यों के समान हो।
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कार्यक्रम के दौरान नारायण राणे ने ओम बिरला की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश में 543 सांसद होते हैं, लेकिन लोक सभा अध्यक्ष सिर्फ एक होता है। हम सब के लिए गर्व की बात है कि 17वीं लोक सभा के अध्यक्ष वे हैं। उससे अधिक सौभाग्य कोटा-बूंदी के लोगों का है जिन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया और अब वे हर वह कार्य कर रहे हैं जो प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित कर सके।