देवेश कुमार – आम आदमी पार्टी लगातार प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर हमलावर है एक तरफ जहां दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं अब तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया ने भी देश के नाम चिट्ठी लिखी है मनीष सिसोदिया ने चिट्ठी में प्रधानमंत्री में निशाना साधा है मनीष ने चिट्ठी में शिक्षा का जिक्र करते हुए लिखा है कि प्रधानमंत्री का कम पढ़ा- लिखा होना देश के लिए बेहद खतरनाक है। भारत की तरक्की के लिए एक पढ़ा-लिखा प्रधानमंत्री होना बहुत ज़रूरी है।
उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी विज्ञान की बातें और शिक्षा का महत्व नहीं समझते हैं। पिछले कुछ वर्षों में 60 हजार सरकारी स्कूल बंद कर दिए। जब मैं प्रधानमंत्री को यह कहते हुए सुनता हूं कि गंदे नाले में पाइप डालकर उसकी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है तो मेरा दिल बैठ जाता है। उनके इस तरह के बयान से पूरी दुनिया को पता चल जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री कितने कम पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने देशवासियों के सामने यह प्रश्न रखते कहा है कि हम 21वीं सदी में जी रहे हैं।
आप सांसद संजय सिंह ने भी मनीष सिसोदिया की चिट्ठी का समर्थन करते हुए कहा है कि मनीष सिसोदिया बहुत ही संवेदनशील चिट्ठी लिखी है और इस बात पर चिंता जाहिर की है कि अगर देश का प्रधानमंत्री एक अनपढ़ व्यक्ति होगा तो किस तरह जनता को ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ेगा वहीं मनीष सिसोदिया ने चिट्ठी में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयानों को देश के लिए खतरनाक बताया हैं कहा की इसके कई नुकसान हैं। पूरी दुनिया को पता चल जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री कितने कम पढ़े-लिखे हैं और उन्हें विज्ञान की बुनियादी जानकारी तक नहीं है।
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दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्ष जब प्रधानमंत्री से गले मिलते हैं तो एक-एक झप्पी की भारी कीमत लेकर चले जाते हैं। झप्पी के बदले में न जाने कितने कागजों पर साइन करवा लेते हैं, प्रधानमंत्री तो समझ ही नहीं पाते, क्योंकि वो तो कम पढ़े लिखे हैं। वही मनीष सिसोदिया ने चिट्ठी में युवाओं का जिक्र करते कहा की आज देश का युवा आकांक्षी है। वो कुछ करना चाहता है। वो अवसर की तलाश में है। वो दुनिया जीतना चाहता है। साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वो कमाल करना चाहता है। क्या एक कम पढ़ा-लिखा प्रधानमंत्री आज के युवा के सपनों को पूरा करते की क्षमता रखता है।