(प्रदीप कुमार ) – मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर दोपहर 12 बजे दोबारा लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा। विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के बीच सरकार ने लोकसभा में तीन विधेयक – राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक 2023, राष्ट्रीय नर्सिंग और प्रसूतिविद्या आयोग विधेयक 2023 और संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किये। साथ ही सरकार ने सदन की सहमति से लोकसभा में डीएनए प्रौद्योगिकी (प्रयोग और लागू होना) विनियमन विधेयक, 2019 को वापस ले लिया है। उसके बाद हंगामे और शोरगुल के चलते लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो हंगामे का आलम रहा। हंगामे और शोरगुल के बीच ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर पर बयान दिया और कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए तैयार है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं सदन में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हूं। मुझे नहीं पता कि विपक्ष यह चर्चा क्यों नहीं होने दे रहे। मेरा आग्रह है कि विपक्ष चर्चा होने दे, ताकि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर देश के सामने सच्चाई पहुंचे।इधर राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, ‘हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री इस मामले पर अपनी बात रखें। अगर 140 करोड़ का नेता बाहर प्रेस से बात करता है और 140 करोड़ जनता के प्रतिनिधि अंदर बैठे हैं, तो पहले प्रधानमंत्री अंदर अपना बयान दीजिए,इसके बाद हम निर्णय लेंगे। संसद में चलने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस नेता जयराम ने कहा कि मॉनसून सत्र के तीसरे दिन भी संसद की कार्यवाही नहीं हो सकी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार INDIA दलों की मणिपुर में 3 मई के बाद की स्थिति पर प्रधानमंत्री के विस्तृत बयान की मांग नहीं मान रही है।
INDIA की स्पष्ट मांग है – पहले प्रधानमंत्री सदन में बयान दें, उसके बाद इसपर चर्चा हो। जयराम रमेश ने आगे कहा कि INDIA की सभी पार्टियां सिर्फ मणिपुर ही नहीं वास्तव में पूरे देश के लोगों की भावनाओं को सामने रख रही हैं। बरहाल संसद में टकराव बना हुआ है और इसके फिलहाल समाप्त होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
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