(अवैस उस्मानी)-Liquor policy- शराब नीति मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की ज़मानत अर्ज़ी को खरिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस SVN भट्टी की पीठ ने कहा कि 338 करोड़ क्व मनी ट्रेल का पता चला है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा नहीं होता है तो मनीष सिसोदिया ज़मानत के लिए आ सकते है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमने जांच एजेंसी से कई सवाल पूछा था लेकिन उसके संतोषजनक जवाब नहीं मिले। ED और CBI ने मनीष सिसोदिया की ज़मानत अर्ज़ी का विरोध किया था।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि सिसोदिया को सलाखों के पीछे रखने की कोई जरूरत नहीं है, उनके भागने कोई खतरा नहीं है। सिसोदिया के वकील ने कहा कि ईडी का यह कहना गलत है कि नई शराब नीति के कारण कीमतें बढ़ीं, जबकि पॉलिसी के बाद ग्राहकों को मिलने वाली कीमत भी कम हुई थी।सिसोदिया की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि सीधे तौर पर सिसोदिया से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं है, सभी साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं।
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सिसोदिया के वकील ने कहा कि इंडोस्पिरिट्स को लेकर यह आरोप है कि याचिकाकर्ता ने इंडोस्पिरिट को लाइसेंस देने के लिए उत्पाद शुल्क अधिकारियों पर दबाव डाला, जबकि इस आरोप को लेकर जांच एजेंसी के पास सबूत नहीं है, फाइल से पता चलता है कि उन्होंने नियम के अनुसार काम करने का निर्देश दिया है।
सिसोदिया की वकील ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ किसी मनी ट्रेल का पता नहीं चला है। मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा था कि ED का आरोप यह है कि नई शराब नीति ही धोखा देने के लिए बनाई गई, जबकि नई नीति समितियों द्वारा विचार-विमर्श के बाद पारदर्शी तरीके से बनाई गई और तत्कालीन एलजी ने इसकी मंजूरी दी थी।
सुनवाई के दौरान ED और CBI ने मनीष सिसोदिया की ज़मानत अर्ज़ी का विरोध किया. ED ने कहा कि मनीष सिसोदिया को अगर जमानत दी जाती है तो सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। ED ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट की सुनवाई में अपनी तरफ से देरी नहीं करेंगे।ED ने कोर्ट को बताया कि अभी मामले में दस्तावेज़ों की स्कूटनी का काम चल रहा है। ED ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शराब नीति मामले में ट्रायल 9 से 12 महीने में पूरा किया जा सकता है।
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि मामले में 294 गवाह, 21,000 और 35,000 दस्तावेज़ शामिल हैं। जस्टिस संजीव खन्ना ने सिसोदिया के वकील से कहा कि ED यह नहीं कह रही है कि पैसा सिसोदिया पास आया है, ED कह रही है सिसोदिया की संलिप्तता के कारण अपराध की आय में सहायता हुई।