विधानसभा चुनाव वाले पांच राज्यों में एक तेलंगाना ही ऐसा रहा जहां राहुल गांधी खुल कर अपने मन की बात कर पाये. और प्रियंका गांधी को भी खुल कर खेलने का भरपूर मौका मिल सका – और ये इसलिए भी संभव हो सका क्योंकि तेलंगाना में रेवंत रेड्डी ने ये सब होने दिया.
राजस्थान में तो गांधी परिवार की भूमिका रस्मअदायगी भर ही देखने को मिली. वैसे मौका मिलने पर राहुल गांधी ने फायदा भी उठाया. बगैर ये परवाह किये कि उनके बयानों से अशोक गहलोत की मेहनत पर पानी तो नहीं फिर जाएगा, राहुल गांधी ने बीजेपी के खिलाफ भड़ास निकाल कर रख दी.
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चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘पनौती’ से लेकर ‘जेबकतरा’ तक कह कर बुलाते रहे. ये समझना भी मुश्किल हो रहा था कि राहुल गांधी ज्यादा खफा बीजेपी और मोदी से हैं, या फिर अपने ही अशोक गहलोत से. अशोक गहलोत ने चुनाव प्रचार के आखिरी दौर तक आने तक बड़ी ही संजीदगी से कैंपेन किया था. मोदी और बीजेपी नेता अमित शाह के आरोपों का भी बड़े आराम से जवाब दिया था, और अच्छी बाड़बंदी भी कर रखी थी.