राजस्थान के जैसलमेर में नए साल का जश्न मनाने के लिए देश-विदेश से सैलानी पहुंच रहे हैं।जैसलमेर स्वर्ण नगरी के नाम से भी मशहूर है। सैलानी यहां राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का लुत्फ उठाने के लिए पहुंच रहे हैं।यहां के रेगिस्तान से लेकर ऐतिहासिक सोनार किला और गड़ीसर झील जैसे टूरिस्ट स्पॉट्स पर रोजाना 25 से 30 हजार सैलानी आ रहे हैं।साल के आखिरी दिनों में सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी से होटल कारोबारी और टूरिज्म से जुड़े दूसरे लोगों में खुशी है।
सैलानियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा बंदोबस्त कड़े किए हैं।होटल कारोबारियों को उम्मीद है कि सैलानियों की भारी संख्या पांच जनवरी, 2024 तक रहेगी। उनका मानना है कि इस दौरान उनकी संख्या कोविड महामारी से पहले के स्तर को पार कर जाएगी।विकास सांगवान, एसपी, जैसलमेर: शाम को भीड़ होगी और यहां मौजूद सभी होटलों और होटलों की अगले पांच से सात दिनों तक लगातार चेकिंग की जाएगी, जब तक कि पर्यटन सीजन अपने चरम पर है। उनके रजिस्टरों पर डेटा की जांच की जाएगी और अगर कोई लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ जांच शुरू की जाएगी।”
होटल कारोबारी: कोरोना के बाद अच्छा माहौल देखने को मिल रहा है। कोरोना के कारण होटल इंडस्ट्री में डर का माहौल था। दिवाली के बाद हम लगातार पर्यटकों को आते देख रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे यहां पर्यटकों की बाढ़ आ गई है।”शहर में होटल तीन महीने पहले ही बुक हो जाते हैं और फुल हो जाते हैं। पर्यटकों को रेस्तरां में खाने के लिए एक घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। पार्किंग के लिए जगह नहीं है। यह सब जैसलमेर के लिए अच्छी खबर है।”
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