Farmers Protest: केंद्रीय मंत्रियों के साथ चौथे दौर की बातचीत से पहले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कहा कि अगर कोई
समाधान नहीं निकला तो वे बैरीकेड तोड़कर आगे बढ़ जाएंगे।भारतीय किसान यूनियन दोआबा के जिला अध्यक्ष जसप्रीत सिंह दत्त ने कहा, ”अगर आज भी सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है और सिर्फ बैठकें ही करेगी तो हमने इसे अपने नेतृत्व पर छोड़ दिया है, जब वे हमें सीमाओं को नुकसान पहुंचाने का निर्देश देंगे तो हम ऐसा करेंगे।”केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय और पंजाब के किसान नेता चौथे दौर की बातचीत के लिए रविवार को मिलेंगे।
किसान यूनियनों के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच अब तक तीन दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन हर बार बैठक बेनतीजा रही।किसान नेताओं ने ये फैसला लिया है कि जबतक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तब तक वे पंजाब और हरियाणा के बीच दो बॉर्डरों पर अपना आंदोलन जारी रखेंगे।एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि कर्ज माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए “न्याय”, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
गुरदीप सिंह, किसान यूनियन के सदस्य: आज बैठक उन किसानों के साथ है जो डेरा डाले हुए हैं। हमें उम्मीद है कि बैठक से कोई समाधान निकलेगा अगर नहीं निकलता है तो हम अपने लक्ष्य पर कायम रहेंगे और आगे नहीं बढ़ेंगे।”
जसप्रीत सिंह दत्त, दोआबा जिला अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन:आज भी सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी और बस मीटिंगे ही करेंगी तो हमारी जो लीडरशिप है हमने उन पर छोड़ा है। जब वो कहेंगे कि बॉर्डर तोड़ना है तो हम बॉर्डर तोड़ देंगे।”
(SOURCE PTI)
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