नेशनल हेराल्ड केस में ED चार्टशीट को अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश ने मनगढंत केस बताया

National Herald case: अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिना किसी पैसे या संपत्ति के ट्रांसफर हुए कैसे ये केस मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बन गया, यह कहानी कैसे शुरू हुई- देश को इस बारे में जानना जरूरी है।अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि AJL एक जानी-मानी कंपनी है, जो दशकों पुरानी है। इकॉनमी के आधार पर यह कंपनी सफल नहीं रही। उन वर्षों में अलग-अलग समय में कांग्रेस ने इस कंपनी को लोन दिया। ऐसे में कई दशक बाद ये रुपया कुल 90 करोड़ रुपये हो गया। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऐसे में सवाल उठा कि AJL का पुनर्निर्माण कैसे किया जाए, जिसमें तय हुआ कि इसे ऋण मुक्त कंपनी बनाई जाए। ऐसे में इस कंपनी के 90 करोड़ के कर्ज को Young India नाम की कंपनी को ट्रांसफर किया गया- जो नई कंपनी थी।

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अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये कर्ज कागजी रूप से ट्रांसफर हुआ, यानी जो कर्ज पहले कांग्रेस पार्टी का था, वो अब Young India का हो गया था। उस कर्ज को मिटाना आवश्यक था, नहीं तो AJL मजबूत कैसे होती, National Herald मज़बूत कैसे होता?अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा कि ऐसे में उस कर्ज को हिस्सेदारी में बदला गया। यानी AJL के शेयर Young India को इश्यू हो गए, जिससे Young India, AJL की 90-99% शेयर होल्डर बन गई, लेकिन इसमें न पैसा ट्रांसफर हुआ, न संपत्ति। इस मामले में बहुत ही अजीब तरह के तर्क दिए जा रहे हैं, लेकिन हमने Young India नाम की कंपनी बनाई, जो कि सेक्शन-8 के तहत बनी नॉट फॉर प्रॉफिट चैरिटेबल कंपनी थी।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस कंपनी से कितना भी प्रॉफिट बने, लेकिन एक भी पैसा आप Dividend दे ही नहीं सकते- सेक्शन-8 के तहत ये सीधे तौर पर प्रतिबंधित है। इसके अलावा, इससे कोई सैलरी, कोई Perks भी नहीं दिए और न ही कोई संपत्ति खरीदी और बेची गई। इन संपत्तियों का मालिक अभी भी AJL ही है, सिर्फ AGL की शेयर होल्डिंग अब Young India की है और Young India में कुछ Directors है, जिनको कोई Dividend भी नहीं मिलता- तो कौन सी मनी लॉन्ड्रिंग?अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैं आज बड़ा स्पष्ट प्रश्न पूछ रहा हूं- जनता से, देश से, मीडिया से और आपके जरिए ED से भी…
इस केस में आरोप यह है कि शेयर होल्डिंग Young India को देकर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। इसके अलावा, पैसा और AJL की संपत्तियों को डायरेक्टर्स और गांधी परिवार ने हड़प लिया है, लेकिन सवाल है कि किस डायरेक्टर्स ने कुछ खरीदा-बेचा या लिया। अगर पैसा मिला, संपत्ति गई तो मनी ट्रेल कहां है? Proceeds of crime कहां है?अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा कि जब AJL की संपत्ति AJL की है। AJL की संपत्ति कभी Young India को ट्रांसफर नहीं हुई। कानूनन जब तक Young India वो संपत्तियां नहीं खरीदता है, तब तक संपत्तियों का मालिकाना हक AJL के पास ही रहेगा। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऐसे में Young India के डायरेक्टर्स कहां से मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे हैं, कृपया इस बारे में कोई हमें बताए?

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वही कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमारे देश में और पूरी दुनिया में कंपनी लॉ बनाए जाते हैं। कंपनी लॉ के मुताबिक अगर कोई भी कंपनी ऋण मुक्त होना चाहती है तो उसके पास कई तरीके होते हैं। एक तरीका है- नई कंपनी बनाओ और जो ऋण आपके पास है, उसे ट्रांसफर कर दो। जयराम रमेश ने कहा कि यह कोई क्राइम नहीं है, यह कानूनी व्यवस्था है। हमारे देश में हज़ारों ऐसी मिसाल हैं, जहां कंपनी ऋण से मुक्त होने के लिए नई कंपनियां खोलती हैं और ऋण ट्रांसफर कर देती हैं। इसलिए इस मामले में किसी कानून, PMLA का उल्लंघन नहीं हुआ है, क्योंकि यहां Money ही नहीं है, तो Laundering भी नहीं है। ऐसे में क्राइम कहां से हुआ?

जयराम रमेश ने आगे कहा कि दरअसल, यहां क्राइम यह है कि दो व्यक्ति जिनकी मानसिकता ही आपराधिक है, वो एक फेक नैरेटिव चला रहे हैं। अगर क्राइम हुआ है, तो उन दो सूत्रधारों से हुआ है, जिन्होंने इस कानून का दुरुपयोग किया है और गलत प्रचार कर रहे हैं कि अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। जयराम रमेश ने कहा कि यह एक राजनीतिक मसला है और प्रतिशोध की राजनीति है। सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ़ धमकी, प्रतिशोध, उत्पीड़न और डराने की राजनीति कर रही है। कानून का उल्लंघन तो वही करते हैं, जिनकी मानसिकता आपराधिक होती है।जयराम रमेश ने कहा कि हम सबसे पुरानी पार्टी हैं, हमारा लंबा इतिहास है और हम पीछे नहीं हटेंगे। राहुल गांधी जी हमेशा कहते हैं कि जो लोग डराते हैं, वह खुद ही डरे हुए हैं। जो डरे हुए हैं, वह डराने की राजनीति अपनाते हैं और यह केस उसी की एक मिसाल है।

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