नई दिल्ली: मुंबई से शुरु हु्आ लाउडस्पीकर मुद्दा अब धीरे-धीरे पूरे देश में जोर पकड़ता दिखाई दे रहा है। इसकी चिंगारी अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच चुकी है। इसी कड़ी में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इस मुद्दे पर बात की है। उन्होंने कहा कि तेज ध्वनि के कारण पढ़ने वाले बच्चों, ऑफिसों में कार्य कर रहे लोग, स्कॉलर्स इत्यादी की शांति भंग होती है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज लाउडस्पीकर सभी धार्मिक स्थलों से हटाए जाने की मांग को बहुसंख्यक समाज बहुत गंभीरता से ले रहा है। इस प्रेस वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष श्री राजन तिवारी, प्रदेश भाजपा रिलेशन विभाग के प्रभारी श्री हरीश खुराना एवं प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख श्री हरिहर रघुवंशी भी मौजूद रहे।
लाउडस्पीकर सभी धार्मिक स्थलों से हटाए जाने की मांग
प्रेस वार्ता के दौरान आदेश गुप्ता ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के कारण कई लोग हृदय रोग, अवसाद, हाई ब्लड प्रेसर, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा जैसी तमाम बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। यहां तक इस गंभीरता को समझते हुए कई मंदिरों और गुरुद्वारों से वहां के प्रबंधन ने खुद लाउडस्पीकर हटा लिये हैं तो मस्जिद से हटाने में क्या समस्या है। ईश्वर की आराधना करने के लिए लाउडस्पीकर की कोई आवश्यकता नहीं है, वह हृदय से होती है। इसलिए केजरीवाल सरकार से हमारी मांग है कि अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए सभी क्षेत्रों से लाउडस्पीकर तुरंत हटवाये जायें।
लाउडस्पीकर मामले पर सीएम केजरीवाल को लिखा पत्र
आदेश गुप्ता ने आगे कहा कि मैंने पत्र लिखकर दिल्ली के सीएम केजरीवाल सरकार से मांग की है कि सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाये जाए क्योंकि यह समाज की मांग है। जबकि इसके लिए सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि मुस्लिम देशों में भी सख्त नियम बनाए गए हैं। मई 2021 में सउदी अरब में एक कानून आया था। इसमें मस्जिदों में लाउडस्पीकरों पर बैन लगाया गया था। कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के भी आदेश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि फरवरी 2022 में इंडोनेशिया में सर्कुलर जारी हुआ था, इसमें भी लाउडस्पीकर की लिमिट को 100 डेसिबल तय की गई थी।
लाउडस्पीकर बजाना किसी भी धर्म का जरूरी हिस्सा नहीं
इतना ही नहीं माननीय उच्चत्तम न्यायालय ने भी रात में 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगाई है। बंद स्थानों में इसे बजाया जा सकता है। इनमें ऑडिटोरियम, कम्यूनिटी हॉल, कॉन्फ्रेंस हॉल और बैंकवेट हॉल शामिल है, लेकिन इसमें मस्जिदों का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने अगस्त 2016 में बॉम्बे हाई कोर्ट एक अहम फैसले का हवाला देते हुए कहा कि, कोर्ट ने साफ कहा था लाउडस्पीकर बजाना किसी भी धर्म का जरूरी हिस्सा नहीं है। साल 2018 में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के बाद रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया। जुलाई 2019 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पब्लिक प्लेसस और धार्मिक जगहों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी।
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