Air Pollution: प्रदूषण पर वैज्ञानिकों ने कई रिसर्च किए हैं। गर्भवती महिलाओं को प्रदूषण से बचने की सलाह भी बताई गई है साथ ही ये भी बताया गया कि उससे मां और बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन पहली बार एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई जो प्रग्नेंट होने से पहले यानी बच्चा कंसीव करने से पहले की रिसर्च है। इसमें ये दावा किया गया है कि यदि कोई महिला बच्चा कंसीव करने से 3 महीने पहले प्रदूषित हवा में रहती है तो होने वाले बच्चे के जन्म के बाद उसे मोटापे का खतरा बढ़ रहता है।
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दरअसल, नए शोध में पता चला है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से गर्भावस्था से पहले मोटापे का खतरा बढ़ सकता है। यह शोध महिलाओं के स्वास्थ्य पर प्रदूषित हवा के प्रभाव पर केंद्रित है। शोध में पाया गया है कि जो महिलाएं प्रदूषित हवा में सांस लेती हैं, उन्हें गर्भावस्था से पहले मोटापे का खतरा अधिक होता है। यह खतरा इसलिए बढ़ता है क्योंकि प्रदूषित हवा में मौजूद हानिकारक कण शरीर में जमा हो जाते हैं और मोटापे को बढ़ावा देते हैं।
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शोधकर्ताओं ने बताया है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से शरीर में सूजन बढ़ जाती है, जो मोटापे को बढ़ावा देती है। इसके अलावा, प्रदूषित हवा में मौजूद हानिकारक कण शरीर की चयापचय प्रक्रिया को भी प्रभावित करते हैं, जिससे मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इस शोध के नतीजों से यह स्पष्ट होता है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से महिलाओं के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम प्रदूषित हवा के प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाएं और स्वच्छ हवा में सांस लेने के लिए प्रयास करें।