नई दिल्ली(विश्वजीत झा): दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बुधवार को हुई बैठक में जूनियर और प्राइमरी कक्षाओं को चरणबद्ध तरीके से खोलने की घोषणा की है।
डीडीएमए की बैठक में नर्सरी से ऊपर के सभी स्कूलों को खोलने की इजाजत दे दी गई है। शुरुआत में सभी स्कूल आधी क्षमता से ही खुलेंगे।
त्योहारों का मौसम खत्म होने से पहले ही सरकार ने दिल्ली में नर्सरी से ऊपर के सभी स्कूलों को खोलने का भी फैसला कर लिया है।
कक्षा 1 से 8वीं तक के स्कूल 1 नवंबर 2021 से फिर से शुरू होंगे। आज हुई बैठक में में उपराज्यपाल अनिल बैजल, सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल, एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया, राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
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इसके साथ ही डीडीएमए ने दिल्ली में दुर्गा पूजा और दशहरा समारोह की अनुमति दे दी है। हालांकि, सरकार ने कई प्रोटोकॉल निर्धारित किए हैं।
जैसे कि स्थानों में सीमित भीड़, 110 प्रतिशत मास्क अनुपालन, कोई भोजनालय नहीं, कोई मेला नहीं और अलग प्रवेश-निकास बिंदु आदि।
हालांकि, कोरोना की वजह से कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं।
स्कूल आधी क्षमता से ही खुलेंगे
अभिभावकों पर छात्रों को भेजने का दबाव नहीं डाला जाएगा।
ऑनलाइन कक्षाएं भी चलती रहेंगी।
शिक्षकों और कर्मचारियों को पूरी सैलरी देनी होगी
सभी शिक्षकों कर्मचारियों को कोरोना टीका अनिवार्य रूप से लगाना होगा।
फैसले की घोषणा करते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि स्कूल बंद होने की वजह से पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है।
स्कूलों को खोलने के फैसले का प्राइवेट स्कूल संगठनों ने भी स्वागत किया है। दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के बाद 1 सितंबर से 9वी से ऊपर तक के सभी स्कूल कॉलेज और शैक्षणिक संस्थाओं को खोले जा चुके हैं।
हालांकि, अभी भी यह कहा जा रहा है कि त्योहारों के बाद अगर कोरोना के मामले बढ़े तो फैसले की समीक्षा की जा सकती है।
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