नई दिल्ली: साल 2002 के गुजरात दंगों की एक बार फिर चर्चा हो रही है। मामला सुप्रीम कोर्ट में दायर उस याचिका का है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों में क्लीन चिट को चुनौती दी गई। जाकिया जाफरी की इस याचिका खारिज को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। अब इसी मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुलकर बात की। एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने बताया कि किस तरह तमाम झूठे आरोपों के बावजूद नरेंद्र मोदी ने पूरी कानून प्रक्रिया का साथ दिया और शांत रहे। अब खरे सोने की तरह सबसे सामने है। अमित शाह ने कहा कि आज उन सभी लोगों और संस्थानों को माफी मांगना चाहिए, जिन्होंने नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए। बकौल अमित शाह, मुझे भी नोटिस मिला था, हम सभी एसआईटी के सामने गए, पूछे गए सवालों का जवाब दिया, हमारी पार्टी के किसी कार्यकर्ता ने विरोध नहीं किया।
Interview to ANI. https://t.co/Wxib4Woz8C
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से दिए गए क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने यह भी समझाया कि प्रशासन की किसी खामी या सही समय पर उचित कार्रवाई नहीं कर पाने को साजिश से नहीं जोड़ा जा सकता है।
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बेंच ने मामले को बंद करने संबंधी 2012 में सौंपी गई एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने के विशेष मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि जाफरी की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। जकिया ने 2002 के गुजरात दंगों में एक बड़ी साजिश का आरोप लगाया था।
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