चरखी दादरी : अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आशा वर्कर्स द्वारा हड़ताल जारी रखते हुए दादरी के सिविल अस्पताल में धरना देकर रोष प्रदर्शन किया। साथ ही हड़ताल की समय सीमा 13 अगस्त तक जारी करने का निर्णय लिया और मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल को अनिश्चितकालीन करने का अल्टीमेटम दिया।
मंगलवार को सिविल अस्पताल में आशा वर्करों ने अपना कार्य छोडक़र हड़ताल जारी रखी। आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी की अगुवाई में आशा वर्कों ने पांचवे दिन भी हड़ताल जारी रखते हुए सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। साथ ही हड़ताल को 13 अगस्त तक जारी रखने का निर्णय लिया।
किन मांगों को लेकर प्रदर्शन ?
आशा वर्कर यूनियन की प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी व जिलाध्यक्ष प्रेमवती देवी की अध्यक्षता में आशा वर्करों ने कहा कि मांगों को लेकर सरकर से सहमति होने के बाद भी उन्हें पूरा नहीं किया गया। उनकी मांगों में मुख्य रूप से कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर 4 हजार रुपए देने, गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना के शिकार आशाओं को सरकार के पैनल अस्पतालों में इलाज की सुविधा देने, समुदायिक स्तर पर स्थाई कर्मचारी बनाने, जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन देने सहित 6 सूत्रीय मांगें हैं।
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आशा वर्करों की हड़ताल को एसकेएस, किसान सभा, बर्खास्त पीटीआई यूनियन सहित कई संगठनों ने समर्थन किया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार व विभाग का हठधर्मी रवैये लगातार जारी है। पिछले सात अगस्त से जिस प्रकार आशा वर्कर्स अपनी मांगों के लिए लामबद्ध हो रही हैं वह अब समस्याओं के स्थाई हल के बाद ही दम लेगी।
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