नई दिल्ली (रिपोर्ट- अनिल सिंह): दिल्ली में किसान बिल को लेकर बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। बीजेपी का आरोप है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने किसानों को कोई दर्जा नहीं दिया है जबकि केंद्र सरकार किसानों को सम्मान निधि योजना दे रही है। साथ ही 70 सालों से किसानों को जिस उपनिवेशवाद कानून में जकड़ा हुआ था। उसे आजाद करवाने में लगी है।
बीते 20 सितंबर को संसद से पास हुए किसान विधेयक बिल पर 27 सितंबर को कानून बन गया।जिसके बाद से किसान जगह-जगह केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। तो वहीं बीजेपी सांसद यह समझाने में लगे हैं कि किसानों का बिल सरकार ने जो पास किया है। उससे किसानों को क्या फायदा होगा ।
बीजेपी का आरोप है कि दिल्ली में तकरीबन बीस हजार किसान परिवार है। जिनका असर 21 विधानसभाओं पर पड़ता है। इन किसान परिवारों को केजरीवाल सरकार ने किसी भी तरीके की सब्सिडी नहीं दे रखी है ना ही बिजली में। ना ही पानी में जहां तक की खेती करने के लिए उपकरणों खरीद में भी किसी तरीके की सब्सिडी नहीं दे रखी है जबकि केंद्र सरकार किसानों को हर तरीके की सब्सिडी दे रही है।
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बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने स्वामी नाथन रिकार्ड का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की योजना है कि किसान की आय दुगनी हो। इसके लिए केंद्र सरकार ने एमएसपी को 90 प्रतिशत से बढ़ा कर 150 प्रतिशत देने का काम किया है। किसान सम्मान योजना के तहत केंद्र सरकार ने 98 करोड़ रुपये दिए। फसल बीमा योजना के तहत 77 करोड़ रुपये दिए।
बीजेपी सांसद ये समझाने में लगे हैं कि ये बिल किसानों की दुगुनी कमाई करने वाला बिल है। बीजेपी किसानों के आंदोलन को सियासी स्टंट बताने में लगी है। जबकि किसान आंदोलन तो बीजेपी शासित राज्यों में भी हो रहा है। ऐसे में सवाल इस बात का कि अगर ये वाकई किसानों के लिए फायदेमंद है, तो फिर बीजेपी अपने ही राज्य में किसानों को समझाने में क्यों कामयाब नहीं हो पा रही है?
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