Bomb Blast in Jammu Kashmir: मृतक संख्या 8 पहुँची, 27 घायल,फरीदाबाद से जब्त विस्फोटक बने वजह

Bomb Blast in Jammu Kashmir : श्रीनगर के बाहरी इलाके में नौगाम पुलिस थाने में आकस्मिक विस्फोट होने से आठ लोगों की मौत हो गई है और 27 लोग घायल हो गए हैं।ये विस्फोट उस समय हुआ जब पुलिसकर्मी ‘‘सफेदपोश’’ आतंकवादी मॉड्यूल मामले के संबंध में फरीदाबाद से जब्त विस्फोटक सामग्री के सैंपल ले रहे थे। अधिकारियों ने ये जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट शुक्रवार देर रात हुआ जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए।

इनमें से अधिकतर पुलिसकर्मी और फोरेंसिक अधिकारी हैं।उन्होंने बताया कि विस्फोट स्थल से अब तक आठ शव बरामद किए जा चुके हैं।उन्होंने बताया कि घायलों को श्रीनगर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और मृतकों की पहचान के प्रयास जारी हैं।अधिकारियों ने कहा कि विस्फोट उस समय हुआ जब पुलिसकर्मी हरियाणा के फरीदाबाद से लाई गई विस्फोटक सामग्री से नमूने ले रहे थे।Bomb Blast in Jammu KashmirBomb Blast in Jammu Kashmir

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उन्होंने बताया कि ये सामग्री गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल गनई के किराए के घर से बरामद 360 किलोग्राम विस्फोटक का हिस्सा था।उन्होंने कहा कि मामले की जारी जांच के तहत इसके सैंपल लिए जा रहे थे। शवों को श्रीनगर स्थित पुलिस कंट्रोल रूम ले जाया गया है।अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 24 पुलिसकर्मियों और तीन आम नागरिकों को शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया।Bomb Blast in Jammu KashmirBomb Blast in Jammu Kashmir

विस्फोट के बाद रात के सन्नाटे में एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों के सायरन गूंजने लगे और घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
लगातार हुए छोटे-छोटे विस्फोटों के कारण बम निरोधक दस्ते के लिए तत्काल बचाव अभियान चलाना मुश्किल हो गया।बरामद विस्फोटकों में से कुछ को पुलिस की फोरेंसिक प्रयोगशाला में रखा गया है जबकि 360 किलोग्राम विस्फोटकों का बड़ा हिस्सा पुलिस थाने में रखा गया था।इस थाने में आतंकवादी मॉड्यूल के संबंध में प्राथमिक मामला दर्ज किया गया है।अक्टूबर के मध्य में नौगाम के बनपोरा में दीवारों पर पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले पोस्टर दिखाई देने के बाद पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ।Bomb Blast in Jammu KashmirBomb Blast in Jammu Kashmir

श्रीनगर पुलिस ने इस घटना को गंभीर खतरा मानते हुए 19 अक्टूबर को मामला दर्ज किया था और एक समर्पित टीम का गठन किया था।सीसीटीवी फुटेज के सावधानीपूर्वक, फ्रेम-दर-फ्रेम विश्लेषण से जांचकर्ताओं को पहले तीन संदिग्धों की पहचान करने में मदद मिली।ये तीन संदिग्ध आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद हैं जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

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इन तीनों के खिलाफ पथराव के मामले दर्ज थे और इन्हें पोस्टर चिपकाते हुए देखा गया था। उनसे पूछताछ के बाद शोपियां के एक पूर्व पराचिकित्सक से इमाम बने मौलवी इरफान अहमद को गिरफ्तार किया गया। उसने ही पोस्टर मुहैया कराए थे और माना जाता है कि उसने चिकित्सा समुदाय तक अपनी आसान पहुंच का इस्तेमाल करके चिकित्सकों को कट्टरपंथी बनाया।
इस सुराग के आधार पर श्रीनगर पुलिस अंततः फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय पहुंची, जहां से उसने डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया।

यहीं से अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित रसायनों का विशाल भंडार जब्त किया गया। जांचकर्ताओं का मानना है कि पूरा मॉड्यूल चिकित्सकों की एक मुख्य तिकड़ी द्वारा चलाया जा रहा था- मुजम्मिल गनई (गिरफ्तार), उमर नबी (10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोट में शामिल कार का चालक) और मुजफ्फर राठेर (फरार)।फरार डॉ. मुजफ्फर राठेर के भाई डॉ. अदील राठेर की भूमिका अब भी जांच के दायरे में है। गिरफ्तार किए जा चुके अदील राठेर के पास से एक एके-56 राइफल जब्त की गई है।

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