CM Mamata: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को दीघा के समुद्र तटीय नगर में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर से निकलने वाली पहली रथ यात्रा की शुरूआत की।जय जगन्नाथ’ के जयघोष के बीच विदेशियों समेत हजारों श्रद्धालुओं के साथ मुख्यमंत्री ने दोपहर में भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के रथों की रस्सियां अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ मिलकर खींचीं।
मुख्यमंत्री ने लाउडस्पीकर के माध्यम से श्रद्धालुओं से अपील की कि वे मुख्य मंदिर से निकलने वाली 750 मीटर लंबी रथयात्रा के दौरान रथों की रस्सियों को वहां लगाए गए अवरोधकों के पीछे से छू सकते हैं।
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मुख्यमंत्री ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया था कि किसी को भी देवताओं के रथों की रस्सियां खींचने के लिए सड़क पर आने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इससे पहले दोपहर में बनर्जी ने तीनों रथों के आगे की सड़क को सुनहरे झाड़ू से साफ किया और पारंपरिक अनुष्ठान के तहत देवताओं की आरती उतारी।उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) से जुड़े विदेशी भक्तों के बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम को भी देखा।
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लगभग 40 इस्कॉन भक्त, जिनमें से अधिकतर विदेशी थे, रथों के सामने ‘हरे राम, हरे कृष्ण’ के भक्तिमय मंत्रों के जाप के बीच घंटों नृत्य करते रहे।बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि विभिन्न समुदायों, धर्मों, जातियों और पंथों के लोग वर्षों से बंगाल में रथ यात्रा उत्सव में भाग लेते रहे हैं। उन्होंने रथ यात्रा के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए बंगाली भाषा में लिखे पोस्ट में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि हर कोई अपनी आस्था और विश्वास का पालन कर सकता है, लेकिन हर त्योहार का संदेश सार्वभौमिक है – सौहार्द और भाईचारा फैलाना।’’