(प्रदीप कुमार): कांग्रेस ने नीति आयोग द्वारा जारी किए गए गरीबी के आंकड़ों को खारिज करते हुए मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार गरीबी, भुखमरी, आर्थिक असमानता, बेरोजगारी और महंगाई का समाधान ढूंढने की बजाय झूठ का सहारा ले रही है। मोदी सरकार द्वारा यह साजिश 25 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन और सब्सिडी से वंचित करने के लिए रची गई है।
Read also-असम पहुँची कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का हुआ जोरदार स्वागत, राहुल गांधी ने दिया ये बयान
गुरुवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अब मोदी सरकार ने एक नया जुमला छोड़ा है। बताया जा रहा है कि पिछले नौ साल में 24.82 करोड़ भारतीयों को गरीबी से उबार दिया गया है, लेकिन असल में यह गरीबों के खिलाफ एक बहुत बड़ी साजिश है। सरकार का यह दावा जमीनी हकीकत के विपरीत है। अगर गरीबों की संख्या घट गई है, तो उपभोग क्यों घट रहा है। अगर गरीबी 11.7 प्रतिशत तक गिर चुकी है, यानी सिर्फ 15 करोड़ लोग ही गरीब हैं तो सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्यों दे रही है। नीति आयोग के इस दावे का समर्थन किसी भी थर्ड पार्टी ने क्यों नहीं किया। वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ किसी ने तो यह बात मानी होती। गरीबी मापने के स्थापित मानक हैं, फिर ऐसे मानकों को क्यों चुना गया जो सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर आधारित है।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जो साक्ष्य गरीबी के हैं, वो सरकार के दावों के बिल्कुल विपरीत हैं, क्योंकि मांग में आई मंदी साफ झलक रही है। हाल ही में एक ग्रोथ नंबर आया था, जिस पर सरकार सीना ठोंक रही थी। उसी जीडीपी नंबर में उपभोग का भी डाटा सामने आया। डाटा दिखाता है कि इस वित्तीय वर्ष में उपभोग की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत पर आ गिरी है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में साढ़े सात प्रतिशत थी। यानी उपभोग लगातार कम हो रहा है। लेकिन मोदी सरकार की मानें तो देश के 25 करोड़ लोग अब गरीब नहीं रहे। जब गरीब नहीं रहे तो फिर वे रोजमर्रा के सामान क्यों नहीं खरीद रहे। आप अगर ज्यादा संपन्न होंगे और कम गरीब होंगे, तो आप ज्यादा चीजें खरीदेंगे, ज्यादा उपभोग करेंगे, जो इस देश का गरीब नहीं कर रहा है। गरीबी मापने के कुछ तरीके होते हैं, उसमें से एक है कि क्या आपको पौष्टिक आहार, क्या आपको दो जून की रोटी नसीब हो रही है। मगर मानक बदल दिया गया कि अगर आपके घर में शौचालय बना है, तो आप गरीब नहीं हैं। अगर किसी गांव में पांच घरों में बिजली के तार डल गए, तो पूरे गांव को इलेक्ट्रिफाइड माना जाएगा और वो गरीबी के आंकड़े में जोड़ा जाएगा। जिससे वो गरीब नहीं रहेंगे। दरअसल, यह सरकार की 25 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन और सब्सिडी से वंचित करने की एक साजिश है। जल्द ही ये गरीब इस सूची से बाहर निकाल दिए जाएंगे, इसलिए यह पूरी साजिश रची जा रही है।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यूपीए सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला था। वर्ल्ड बैंक ने इस आंकड़े पर थर्ड पार्टी रिपोर्ट की पुष्टि की और इसे सही माना। लेकिन मोदी सरकार अपने ही मुंह मियां मिट्ठू बन रही है। यहां नीति आयोग ने खुद ही अनुमान लगाया, खुद ही सर्वे कराया, खुद ही रिपोर्ट बनाई और खुद की रिपोर्ट को प्रचारित भी किया। फिर पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल ने इस रिपोर्ट की वाहवाही की। मोदी सरकार सिर्फ गरीबों का मखौल नहीं उड़ा रही, बल्कि वह पूरे देश का मजाक बना रही है।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter
