Pawan Khera on Sebi: कांग्रेस ने सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के नए आरोपों का सनसनीख़ेज़ खुलासा करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि बुच ने सेबी के कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया। सबूत होने के बावजूद केंद्र सरकार सेबी चेयरपर्सन बुच को बचा रही है। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसका डर है कि वह बुच पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।
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नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में महत्वपूर्ण खुलासे करते हुए कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच की मुंबई में एक और प्रॉपर्टी है, जो उन्होंने ग्रीन वर्ल्ड बिल्डकॉन एंड इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड को किराए पर दी। इस कंपनी के मालिक मुकुल बंसल और विपुल बंसल हैं। मुकुल बंसल ने इंडियाबुल्स समूह के वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर कार्य किया है। सेबी के सामने इंडियाबुल्स समूह के कई मामले आए हैं। यह सेबी के कोड ऑफ कंडक्ट के सेक्शन चार, सात और आठ का उल्लंघन है।
खेड़ा ने दूसरा खुलासा करते हुए कहा, माधबी बुच प्रेडिबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में आरंभिक शेयरधारक थीं, इसी कंपनी के एक अन्य निवेशक का नाम पैराडाइज पेपर्स लीक में सामने आया था। बुच ने पैराडाइज पेपर्स के खुलासे के बाद भी शेयर होल्डिंग जारी रखी। पवन खेड़ा ने कहा, पिछले दो दिन से लगातार राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को लेकर वीडियो आ रहे हैं। राहुल गांधी वीडियो के माध्यम से सवाल कर रहे हैं कि आखिर सरकार को किस बात का डर है।सरकार की क्या मजबूरी है कि इतनी जानकारी होने के बाद भी वो माधबी पुरी बुच को बचा रही है।
पवन खेड़ा ने पूछा, सरकार को क्या डर है कि इतना कुछ उजागर होने के बावजूद भी बुच को पद पर बनाए रखा गया है। क्या बुच सरकार को ब्लैकमेल कर रही हैं कि मैं अकेले नहीं डूबूंगी। उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए एक दागी अधिकारी को आम तौर पर बचाना संभव नहीं होता है। जब इतना कुछ सार्वजनिक है, तो उन्हें बचाने वाला बड़ा आदमी कौन है। उन्होंने पूछा, क्या यह देश के प्रधानमंत्री हैं या कोई उनसे भी ऊपर है जो पीछे से तार खींच रहा है। प्रधानमंत्री किससे डरते हैं कि वह कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
पवन खेड़ा ने सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण पर भी सेबी के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, अनंत नारायण ने भी अपनी प्रॉपर्टी एक ऐसे स्टॉक ब्रोकर को दी, जिसे सेबी रेगुलेट करता है। अनंत नारायण दस अक्टूबर, 2022 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य बने और इन्होंने अपनी मुंबई की प्रॉपर्टी थंगम विनोद राजकुमार को दी। थंगम विनोद राजकुमार एक ब्रोकरेज फर्म में कार्यरत स्टॉक ब्रोकर हैं, सेबी उस फर्म को नियंत्रित करता है। ये भी सेबी की संहिता के सेक्शन चार, सात और आठ का उल्लंघन है। इसके अलावा अनंत नारायण के पास सेबी की जांच के दायरे में आने वाली इनक्रेड कैपिटल के 70 करोड़ के शेयर भी हैं।
पवन खेड़ा ने पूछा कि माधबी बुच ने अपनी संपत्ति ऐसी कंपनी को किराए पर क्यों दी, जो न केवल सेबी द्वारा विनयमित है बल्कि विभिन्न मामलों में सेबी की जांच के दायरे में भी है। माधबी बुच ने ऐसी कंपनी में शेयर क्यों रखे, जिनके निवेशक के नाम पैराडाइज पेपर्स में आए। अनंत नारायण ने अपनी प्रॉपर्टी ऐसे स्टॉक ब्रोकर को किराए पर क्यों दी, जिसकी फर्म सेबी की जांच के दायरे में आती है। अनंत नारायण ने ऐसी कंपनी में शेयर क्यों रखे, जो सेबी द्वारा विनयमित एक प्रमुख संस्था है।