कांग्रेस का बड़ा खुलासा- गोवा में कैश फॉर जॉब के नाम पर सैकड़ों करोड़ का हुआ घोटाला

Goa Politics: कांग्रेस ने गोवा में सरकारी नौकरी की भर्तियों में सैकड़ों करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस कार्यसमिति के स्थाई आमंत्रित सदस्य गिरीश चोडनकर और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव आलोक शर्मा ने गोवा में 2019 के बाद हुई भर्तियों पर श्वेत पत्र लाने के साथ इस कैश फॉर स्कैम की उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कराने की मांग की।गिरीश चोडनकर ने कहा कि गोवा में 2019 में स्टाफ सेलेक्शन कमीशन बना, लेकिन उसके तहत भर्तियां नहीं हुईं। इसके बदले सारी भर्तियां विभागों के द्वारा की गईं। सबसे पहले सवालों के घेरे में गोवा के मुख्यमंत्री आते हैं। उन्हें प्रदेश के युवाओं को जवाब देना चाहिए। कैश फॉर जॉब के भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए एससी, एसटी, ओबीसी वर्गों के युवाओं के साथ भी अन्याय किया गया है। पूरे पांच साल की लिस्ट को देखा जाए तो इनकी भर्तियां सिर्फ रिजर्व लिस्ट में ही मिलेंगी। ऐसा इसलिए ताकि सामान्य वर्ग की नौकरियों को बेचा जा सके।

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चोडनकर ने कहा कि गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक ऑडियो जारी किया था, जिसमें एक महिला विश्वजीत का नाम ले रही थी। अन्य ऑडियो में एक विधायक अपने कार्यकर्ता से कह रहा है कि आपकी जॉब के लिए मैंने पैसा दिया है, वो पैसा मुझे वापस कर दो। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री की पत्नी सुलक्षणा सावंत का नाम सामने आया है। ऐसे में मुख्यमंत्री सावंत को भी जवाब देना चाहिए। पूरे मामले की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री को लेनी होगी, वो खुद को इस मामले से अलग नहीं कर सकते हैं। इस कैश फॉर जॉब मामले में जब निष्पक्ष जांच होगी, तब और लोगों के नाम सामने आएंगे।कांग्रेस नेता आलोक शर्मा ने कहा कि, गोवा में कैश फॉर जॉब के नाम पर सैकड़ों करोड़ का घोटाला हुआ है। इस मामले में अभी तक लगभग 20 एफआईआर दर्ज हुईं हैं और करीब 19 लोग गिरफ्तार हुए हैं। 2019 में गोवा पब्लिक सर्विस कमीशन का एक एक्ट आता है, जिसमें दो बार संशोधन किया जाता है, ताकि एक्ट लागू ही न हो। इस एक्ट में संशोधन ऐसे किए गए कि ये एक्ट 2022 से पहले के विज्ञापनों या प्रक्रियाओं में लागू नहीं होगा। जब मामला सामने आया तो गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। इसमें करोड़ों के लेनदेन के कई ऑडियो सामने आए और कई लोग गिरफ्तार हुए हैं। ये गोवा का व्यापम घोटाला है।

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आलोक शर्मा ने कहा, कांग्रेस का आरोप है कि 2019 के बाद जो भी भर्तियां हुई हैं, उनमें प्रोसेस स्कैम हुआ है, जिसमें सही प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। गोवा का ये घोटाला बिल्कुल मध्य प्रदेश के व्यापम की तरह है। इस घोटाले में जो भी लोग गिरफ्तार हुए हैं, उन सभी की तस्वीरें भाजपा के नेताओं के साथ हैं। इस मामले की जांच गोवा पुलिस कर रही है, जो गृह मंत्री के अधीन है और गृह मंत्रालय वहां के मुख्यमंत्री के पास है। गोवा में व्यापम घोटाला पार्ट-दो चल रहा है, जिसकी भाजपा लीपापोती करने में लगी है।
आलोक शर्मा ने सवाल उठाया कि 2019-24 के बीच पब्लिक सर्विस कमीशन के जरिए भर्ती क्यों नहीं शुरू की। उन्होंने पूछा कि क्या आने वाली भर्तियां पीएससी के जरिए होंगी या कोई और संशोधन किया जाएगा। जो लोग गिरफ्तार हो रहे हैं, उनसे मुख्यमंत्री की पत्नी का क्या संबध है। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री इसका जवाब दें।आलोक शर्मा ने कहा, कांग्रेस की मांग है कि एक श्वेत पत्र आना चाहिए, जिसमें बताया जाए कि 2019 के बाद कौन-कौन सी भर्ती, किस-किस पोस्ट पर हुई, किसको कब और कितने एक्सटेंशन दिए गए। 2019-24 तक कितनी भर्तियां हुईं। क्या प्रक्रिया रही, भर्तियों के विज्ञापन कब आए। चयन की क्या प्रक्रिया रही। परीक्षा, इंटरव्यू की तारीख क्या थी, सारा डाटा सार्वजनिक करना चाहिए। उच्च स्तरीय कमेटी के तहत इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने प्रश्न किया कि इस कैश फॉर जॉब मामले पर ईडी संज्ञान कब लेगी।

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