नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब कमजोर हो गई है। लेकिन अब देश में कोविड-19 की तीसरी लहर का आंशका जताया जा रहा है।
कोविड-19 की तीसरी लहर का असर देश में आई दूसरी लहर से कम होगा। जानकारी के अनुसार, अगस्त के महीने में तीसरी लहर के आने की उम्मीद है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च डिवीजन ऑफ एपिडिमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीजेज के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर देशव्यापी होगी।
हालांकि, इसका यह मतलब नहीं कि यह दूसरी लहर की तरह भयावह और तेजी से फैलने वाली होगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि चार कारकों के बारे में भी बताया।
पहला कारक:- कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर में हासिल की गई इम्युनिटी का कम होना है। यदि ये नीचे जाती है तो कोविड-19 की देश में तीसरी लहर आ सकती है।
दूसरा कारक:- अभी तक हासिल की गई इम्युनिटी पर कोविड-19 का नया वेरिएंट बढ़त बना सकता है।
तीसरा कारक:- यदि कोविड-19 का तीसरा नया वेरिएंट इम्युनिटी को पार नहीं कर पाता है। तो इसकी प्रकृति तेजी से फैलने वाली हो सकती है।
चौथा कारक:- राज्यों के द्वारा जल्दीबाजी में प्रतिबंध हटाने की वजह से नए मामलों में तेजी आने की उम्मीद है। इंटरव्यू के दौरान जब डॉ. समीरन पांडा से पूछा गया कि कोरोना का ये वेरिएंट क्या डेल्टा प्लस हो सकता है।
इस पर उन्होंने बताया कि उन्होंने कोविड-19 के दोनों ही वेरिएंट डेल्टा और डेल्टा प्लस देश में फैले हुए हैं। उन्हें डेल्टा वेरिएंट से किसी और सार्वजनिक स्वास्थ्य के कहर की उम्मीद नहीं है।
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